ये रहे वो 3 कारण, जिसके चलते कोहली को छोड़नी पड़ी टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी
स्पोर्ट्स डेस्क (नोएडा) : भारतीय क्रिकेट के लिए साल 2022 की शुरूआत बेहत निराशाजनक रही। टीम के पास साउथ अफ्रीका की धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का माैका था, क्योंकि उसने पहला मैच आसानी से जीता था, लेकिन आखिरी दो मैच हार सीरीज 1-2 से गंवा दी। सीरीज हारने के ठीक एक दिन बाद ही अब कोहली ने टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने का फैसला सुना दिया। उन्हें हाल ही में बीसीसीआई द्वारा वनडे क्रिकेट की कप्तानी से भी हटा दिया गा था, जबकि टी20आई कप्तानी छोड़ने का उन्होंने खुद ऐलान किया था। इसमें कोई शक नहीं कि कोहली ने बताैर कप्तान कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं, लेकिन उनके कप्तानी करियर का अंत जिस तरीके से हुआ वो काफी विवाद भरा भी रहा। आखिर क्यों कोहली को टेस्ट में अच्छी कप्तानी करने के बावजूद इतनी जल्दी पीछे हटना पड़ा? इसके पीछे 3 कारण हैं। तो आइए जानें-
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BCCI से पंगा
कोहली का बीसीसीआई के साथ जबरदस्त पंगा देखने को मिला। दोनों ओर से आए बयानों ने भारतीय क्रिकेट में हलचल पैदा कर दी थी। यह पंगा उस समय पड़ा जब बीसीसीआई अध्यक्ष साैरव गांगुली ने कहा था कि उन्होंने कोहली से टी20आई फाॅर्मेट की कप्तानी बरकरार रखने के लिए अनुरोध किया था। कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप शुरू होने से पहले ही कप्तानी छोड़ने की बात कही थी। लेकिन साउथ अफ्रीका दाैरे से पहले कोहली ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि बीसीसीआई ने उन्हें कप्तानी छोड़ने के लिए नहीं रोका था, बल्कि वे फैसले से बेहद खुश थे। इसके बाद बहस छिड़ गई कि क्या बीसीसीआई ने कोहली को नजरअंदाज कर कप्तानी से हटाया? जब वनडे कप्तानी भी उनसे छीनी गई तो भी कोहली ने साफ कहा कि बीसीसीआई ने उनसे इसको लेकर विशेष चर्चा नहीं की थी। इसके बाद मुख्य चयनकर्ता की ओर से बयान आया कि सभी फैसले कोहली को लूप में रखकर लिए गए हैं। हालांकि, यह क्लियर अभी तक नहीं हो पाया कि कोहली झूठ बोल रहे हैं या फिर बीसीसीआई। वहीं गांगुली ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी थी। हो सकता है कि बीसीसीआई ने अंदर से कार्रवाई करते हुए अब कोहली को कप्तानी से पूरी तरह से टाटा बाय बाय कहने के लिए कहा हो। इतना तो साफ है कि बीसीसीआई और कोहली के बीच अनबन है।
तीन सालों से शतक ना लगा पाने का बोझ
कोहली को 'रन मशीन' नाम दिया गया था, लेकिन पिछले तीन सालों में शतक का सूखा ऐसा पड़ा, जैसे मानो कि मशीन में जंग लग गया। कोहली के ऊपर बड़ा स्कोर करने का दवाब अभी भी जारी है। साल 2019 के नवंबर में उनके बल्ले से आखिरी अंतरराष्ट्रीय शतक निकला था, लेकिन उसके बाद वह शतक नहीं लगा पाए हैं। शतक ना लगाने का दवाब भी ऊनपर बनता रहा। साथ ही उनका बल्ला अहम मैचों में भी रन नहीं उगल पा रहा। उन्होंने टेस्ट की आखिरी 26 पारियों में एक भी शतक नहीं लगाया। वहीं आखिरी 15 वनडे मैचों में भी कोई शतक नहीं लगा पाए हैं। आखिरी वनडे शतक 14 अगस्त को विंडीज के खिलाफ आया था। कोहली ने सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ने के बाद कहा था कि वह अपना ध्यान सिर्फ खेल की ओर रखेंगे। उन्होंने साफ कहा था कि लंबे समय से तीनों फाॅर्मेट की कप्तानी करने का दवाब भी कई बार बल्लेबाजी पर असर डाल जाता है। ऐसे में हो सकता है कि कोहली ने कप्तानी का बोझ खत्म कर अपने बचे शेष करियर में खुला खेलने का मन बनाया हो, चाहे फिर नतीजा कुछ भी हो।
भारतीय क्रिकेट के भविष्य की प्लानिंग
एक कारण यह भी हो सकता है कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य को देखते हुए कोहली ने कप्तानी से हटने का फैसला किया हो। कोहली ने 2014 में टेस्ट की कप्तानी संभाली थी। अब वह 33 साल के हो चुके हैं। साथ ही 8 साल तक कप्तानी करना खुद में एक बड़ी बात है। कोहली टेस्ट में भारत के सबसे सफल कप्तान साबित हुए हैं, जिन्होंने 68 मैचों में 40 में जीत दिलवाई है। लेकिन नए कोच राहुल द्रविड़ का भविष्य के लिए रोड मैप तैयार है। हो सकता है उस रोड मैप में अब ऐसे खिलाड़ी को बताैर कप्तान तैयार करने का प्लान हो जो लंबे समय तक टीम की कप्तानी संभाल सके। कोहली का जिस तरह से बीसीसीआई से विवाद रहा। साथ ही उनके प्रदर्शन में जो गिरावट आई है, उससे अब ये भी लगने लगा कि वह संन्यास भी किसी भी समय अचानक ले सकते हैं। अच्छा कप्तानी रिकाॅर्ड रहने के बावजूद उन्हें हटना पड़ा है। यह भविष्य को देखते हुए भी उनका फैसला हो सकता है। खैर, अब देखना यह बाकी है कि बीसीसीआई किस खिलाड़ी को भविष्य के लिए बताैर कप्तान तैयार करती है। फिलहाल रोहित शर्मा सीमित ओवरों के कप्तान बनाए गए हैं, लेकिन वह 34 साल के हो चुके हैं। ऐसे में उनसे ज्यादा समय तक उम्मीदें लगाना सही नहीं रहेगा। मैनेजमेंट को अब एक युवा कप्तान को आगे लाना होगा ता कि उसे फिर लंबी रेस का घोड़ा बनाया जा सके।