2011 World Cup: फाइनल से पहले कोच गैरी कर्स्टन से टीम को मिली थी ये सलाह, सालों बाद भज्जी ने खोला राज
भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलका को 6 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप चैंपियन का खिताब जीता था। फैंस के जहन में इस मुकाबले में लगाया गया धोनी का आखिरी शॉट आज भी याद है।
16 अगस्त, नई दिल्ली। भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलका को 6 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप चैंपियन का खिताब जीता था। फैंस के जहन में इस मुकाबले में लगाया गया धोनी का आखिरी शॉट आज भी याद है। 1983 में पहला वर्ल्ड कप जीतने के पूरे 28 साल बाद पूर्व भारतीय विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था। वर्ल्ड कप 2011 में टीम के लिए अहम योगदान देने वाले पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने अब वर्ल्ड कप से जुड़ी कुछ बातों का जिक्र किया है।
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हरभजन सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप को लेकर कही यह बात
हरभजन सिंह ने एशिया कप 2022 से पहले स्टार स्पोर्ट्स पर एक कार्यक्रम के दौरान वर्ल्ड कप 2011 की कई यादों का जिक्र किया। भज्जी ने कहा कि फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराकर इतिहास रचा था। लेकिन इस मैच से पहले भारतीय टीम बिल्कुल दबाव में नहीं थी। इसका बड़ा कारण सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत थी।
पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत थी बेहद खास
दिग्गज स्पिनर हभजन सिंह ने बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले टीम के खिलाड़ी काफी प्रेशर में थे। लेकिन इस मैच को जीतने के बाद सभी काफी रिलेक्स मूड में चले गए। भज्जी के मुताबिक सेमीफाइनल मुकाबले में कई बार दबाव वाली परिस्थितियां आई, जिसे धोनी ने अच्छी तरह संभाला था। बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ हरभजन सिंह ने शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने 10 ओवर में 43 रन देकर 2 विकेट लिए थे।
फाइनल मैच से पहले नहीं हुई टीम मीटिंग
स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए भज्जी ने आगे बताया कि जब हमने पाकिस्तान को हराकर फाइनल खेला तो खिलाड़ियों पर कोई दबाव नहीं था। उस समय टीम के कोच रहे गैरी कर्स्टन ने खिलाड़ियों को एन्जॉय करने की सलाह दी थी। उन्होंने फाइनल मुकाबले में मैदान पर जाने से पहले भी खिलाड़ियों से यही बात कही थी कि आप सभी खेल को एन्जॉय करना और खिलाड़ियों ने उसी तरह इस मैच में खेला भी।
275 रनों को आसानी से भारत ने कर लिया था चेज
बता दें कि भारत को श्रीलंका की तरफ से फाइनल मैच जीतने के लिए 275 रनों का लक्ष्य दिया गया था। इस मैच में भारत की ओर से गंभीर 122 गेंदों में 97 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच रहे। वहीं कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 79 गेंदों में 91 रन बनाकर नाबाद रहे। इसके अलावा टीम के बाकी बल्लेबाज और गेंदबाजों ने भी अपना काम बखूबी तरीके से निभाया।