मां रीना की दुआएं..
पुजारा की इस सफलता के पीछे जितनी उनकी मेहनत हैं उससे कहीं ज्यादा उनकी मां रीना की दुआएं हैं। पुजारा ने एक बार कहा था कि मां मुझे देश के लिए खेलते देखना चाहती थीं, लेकिन जिस दिन मुझे ये मौका मिला, उस दिन अफसोस मेरी मां मेरे साथ नहीं थीं।
मां का सपना पूरा करना एकमात्र मकसद
आपको बता दें कि रानी पुजारा को कैंसर था और जब 2005 में अंडर-19 का मैच खेल कर लौटे तो उन्हें पता चला कि मां अब इस दुनिया में नहीं हैं।बस उसके बाद से ही पुजारा की लाइफ का एक ही मकसद था, मां के सपने को पूरा करना और वो सपना मां की मौत के बाद पांच साल बाद पूरा हुआ। इसलिए पुजारा के लिए क्रिकेट केवल एक खेल नहीं बल्कि एक पूजा है।
मेरे पिता बेहद अनुशासित और सख्त कोच
पुजारा ने कहा था कि मेरे पिता अरविंद पुजारा बेहद अनुशासित और सख्त कोच हैं, हम आज भी फोन पर खेल के तकनीकी पक्षों की चर्चा करते हैं, सच कहूं तो वो ही मेरे गुरू और मेंटर हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 की घरेलू सीरीज
टेस्ट क्रिकेट में पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 की घरेलू सीरीज के दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में पदार्पण किया। घायल वी वी एस लक्ष्मण के स्थान पर शामिल पुजारा पहली पारी में केवल तीन गेंदों का सामना कर एक चौके की सहायता से चार रन बनाकर आउट हो गये थे। पुजारा ऐसे पांचवें भारतीय बल्लेबाज़ हैं जिसने अपनी पहले ही मैच में चौथी पारी में अर्द्धशतक बनाया।
चेतेश्वर पुजारा का इंटरनेशनल रिकॉर्ड
- टेस्ट 43, पारी 72, नाबाद 6, रन 3256, औसत 49.33, सर्वोच्च 206*, शतक 10, अर्धशतक 11
- वनडे 5, पारी 5, रन 51, सर्वोच्च 27, औसत 10.20, स्ट्राइक रेट 39.23