पारंपरिक शॉट खेलने में यकीन नहीं रखते वार्नर
डेविड वार्नर मैदान में हर तरह का गैर-पारंपरिक शॉट खेलते है, चाहे वो स्विच हिट या रिवर्स स्वीप या कोई और शॉट। वार्नर न सिर्फ ये शॉट खेलते हैं बल्कि इतनी ताकत और इस अंदाज में खलते हैं कि बॉलर को समझ में नहीं आता है मैदान में किस तरह की फिल्डिंग सजाई जाए। यही कारण है कि वार्नर इस आईपीएल में अबतक सबसे ज्यादा रन बना आरेंज कैप अपने नाम कर चुके हैं।
वार्नर के शॉट के पीछे दोनों हाथ से बल्लेबाजी करना है राज
डेविड वार्नर का मैदान पर इतने अच्छे तरीके से गैर-पारंपरिक शॉट खेलने के पीछे का राज उनका दोनों हाथ से बल्लेबाजी करना है। जी हां, डेविड वार्नर दोनों हाथ से बल्लेबाजी कर लेते है यही कारण हा कि जब को रिवर्स स्वीप या स्विच हिट मारते हैं तो लगता है जैसे किसी दाएं हाथ के बल्लेबाज ने यह शॉट खेला हो।
कोच ने दी थी दाएं हाथ से क्रिकेट खेलने की सलाह
डेविड वार्नर ने जब 13 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो उनके कोच ने उन्हें दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की सलाह दी थी। वॉर्नर ने कोच की सलाह पर एक सीजन तक दाएं हाथ से बल्लेबाजी की लेकिन दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने पर वार्नर हवा में खूब शॉट खेलते थे जिससे वो जल्दी आउट हो जाते थे। वार्नर इससे काफी निराश थे क्योंकि उन्हें लगा कि अब इनका क्रिकेट कैरियर खत्म हो सकता है, तभी वार्नर की मां ने उन्हें एक सलाह दी।
मां ने दी बाएं हाथ से क्रिकेट खेलने की सलाह
कहते हैं बेटे की असली ताकत उसके मां-बाप ही पहचानते हैं। वार्नर की कहानी में भी यही देखने को मिलता है जब वॉर्नर की मां ने बेटे को निराश देख उसे दोबारा बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने को कहा। मां की सलाह के बाद जब वार्नर ने बाएं हाथ से खेलने से शुरू किया तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज दुनिया का हर गेंदबाज वार्नर के सामने गेंदबाजी करने में कांपता है।