भुवी का जीवन काफी संघर्ष से गुजरा
लेकिन आज के स्टार भुवनेश्वर कुमार उर्फ भुवी का जीवन काफी संघर्ष से गुजरा है। यूपी के मेरठ में जन्में भुवनेश्वर के पिता किरणपाल सिंह पुलिस विभाग में थे लेकिन भुवी बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि उन्हें क्रिकेट अकेडमी में एडमिशन मिले।
बहन रेखा
लेकिन अपने भाई की लगन को देखकर उनकी बहन रेखा ने उनके सपनों को पूरा करने का बीड़ा उठाया और उन्होंने जैसे-तैसे पैसे जोड़कर भुवी को क्रिकेट अकेडमी में दाखिला दिलाया। यही नहीं जब क्रिकेट खेलने के लिए भुवी के पास महंगे क्रिकेट शूज नहीं थे तब बहन ने ही अपने जोड़े ही पैसों से भुवी को जूते दिलाए थे।
इंडिया के राइजिंग स्टार
आज भुवी यूपी के ही नहीं बल्कि इंडिया के राइजिंग स्टार हैं, भुवनेश्वर कुमार ने 17 साल की उम्र में बंगाल के खिलाफ प्रथम श्रेणी क्रिकेट जीवन का आगाज़ किया। 2008-09 के सत्र में कुमार घरेलू क्रिकेट के पहले ऐसे खिलाड़ी बन गये जिसने सचिन तेंदुलकर को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शून्य पर ऑउट किया।
पर्पल कैप विजेता
इस सत्र में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर कुमार को आईपीएल में आरसीबी की ओर से जेस्सी राईडर के स्थान पर खेलने का करार मिल गया था। वो आईपीएल 2016 में पर्पल कैप विजेता भी रहे।
श्रद्दा कपूर के बहुत बड़े फैन
धोनी के काफी अजीज रहे भुवनेश्वर की घूमती हुई बॉलों से जहां लोग काफी परेशान रहते हैं वहीं मैदान के बाहर भुवी काफी शांत चित्त और शर्मिले इंसान कहे जाते हैं, हालांकि वो अभिनेत्री श्रद्दा कपूर के बहुत बड़े फैन हैं और अगर उन्हें मौका मिले तो वो उनके साथ सूनसान आईलैंड पर जाना चाहते हैं।