
एक ट्वीट से हलचल करने वाले सौरव गांगुली ने खुद क्लियर किया अपना नया प्लान
नई दिल्ली, 1 जून: सौरव गांगुली के एक ट्वीट के चलते ऐसी खबरों की बाढ़ आ गई कि दादा ने बीसीसीआई प्रेसीडेंट की पोस्ट से अलविदा कह दिया है। भारत के सबसे प्रसिद्ध क्रिकेट कप्तानों में से एक गांगुली ने अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। सौरव गांगुली का ट्वीट वायरल होने के बाद, सुझाव थे कि वह बीसीसीआई बॉस के रूप में पद छोड़ देंगे और राजनीति में प्रवेश करेंगे।

लेकिन अब यह निश्चित है कि सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने खुद इस बात को स्पष्ट किया।
जय शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है।"
इस बीच, गांगुली ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। सौरव ने कहा, "मैंने इस्तीफा नहीं दिया है, मैं दुनिया भर में एक नया एजुकेशनल ऐप लॉन्च कर रहा हूं। कोई इस्तीफा नहीं है, कुछ भी नहीं है।"
दरअसल गांगुली ने जो ट्वीट किया था वह इस प्रकार था, "1992 से अब तक 2022 तक मेरी क्रिकेट यात्रा को 30 साल हो चुके हैं। तबसे, क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है। सबसे महत्वपूर्ण है, इसने मुझे आप लोगों का सपोर्ट दिया है। इस यात्रा में जो भी व्यक्ति हिस्सा बना, जिसने भी मेरी मदद की, मैं उसका शुक्रगुजार हूं।

आज मैं कुछ ऐसा करने की योजना बना रहा हूं जो मेरे ख्याल से कई लोगों की मदद करेगा। मुझे उम्मीद है मेरे इस नए अध्याय में आप लोग मुझे ऐसे ही सपोर्ट करते रहेंगे।
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अब क्लियर हो गया है कि गांगुली जिसकी योजना बना रहे थे वह राजनीति नहीं बल्कि शिक्षा देने वाली ऐप है।
वैसे बीसीसीआई प्रमुख के रूप में गांगुली का कार्यकाल विवादों का हिस्सा रहा है। खासकर तब काफी विवाद हुआ जब विराट कोहली ने भारत के T20I कप्तान के रूप में पद छोड़ दिया और फिर उन्हें ODI कप्तान के रूप में हटा दिया गया।
तब गांगुली और कोहली के बीच एक राय ना होने के स्पष्ट संकेत मिले थे। बाद में, यह पता चला कि सौरव गांगुली मीडिया में की गई टिप्पणियों के लिए विराट कोहली को कारण बताओ नोटिस जारी करना चाहते थे। हालांकि, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने गांगुली को कारण बताओ नोटिस नहीं भेजने के लिए मना लिया।