'हमने कीरोन पोलार्ड का आखिरी मैच देखा', मुंबई इंडियंस इन्हें कर सकती है बाहर
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 में मुंबई इंडियंस का बेहद खराब प्रदर्शन रहा। पांच बार की चैंपियन मुंबई इस बार 14 लीग मैचों में सिर्फ 4 मैच ही जीत सकी और अंक तालिका में सबसे नीचे पायदान पर रही। भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने मुंबई टीम को लेकर अपनी राय दी है। उनक मानना है कि कैरेबियाई ऑलराउंडर कीरोन पोलार्ड को सभी ने इस सीजन में मुंबई के लिए खेलते हुए आखिरी बार देखा है क्योंकि उनको 16वें सीजन के लिए मुंबई इंडियंस द्वारा रिटेन नहीं किया जाएगा।

पोलार्ड का इस सीजन में खराब प्रदर्शन रहा। उन्होंने जो 11 मैच खेले, जिसमें वह 14.40 के खराब औसत से केवल 144 रन ही बना सके। मुंबई इंडियंस का इस साल का सबसे खराब सीजन रहा और वह प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने वाली पहली टीम बनी। लीग चरण के अंत में पोलार्ड को प्लेइंग इलेवन से बाह भी किया गया। हालांकि चोपड़ा ने कहा कि पोलार्ड ही नहीं बल्कि टाइमल मिल्स की छुट्टी भी हो सकती है।
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अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए चोपड़ा ने कहा, "मैं ऐसा मानता हूं कि हमने कीरोन पोलार्ड का आखिरी मैच देखा है। अगर मुंबई उन्हें नहीं रखती है तो उनके 6 करोड़ रिलीज हो जाएंगे। मुझे लगता है कि वे मुरुगन अश्विन को भी जाने दे सकते हैं, जो 1.60 करोड़ के हैं। मैं जयदेव उनादकट (₹1.3 करोड़) के बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन वे निश्चित रूप से टाइमल मिल्स (₹1.5 करोड़) को अलविदा कह सकते हैं।"
बता दें कि कुछ खिलाड़ी ऐसे थे जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके, वहीं कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने मुंबई के लिए इस सीजन में छाप छोड़ी। तिलक वर्मा भी शानदार फाॅर्म में दिखे, जिन्होंने टीम के मध्यक्रम में पूरे सीजन में लगातार बल्लेबाजी की और इस सीज़न में फ्रैंचाइजी की जीत में योगदान दिया। चोपड़ा ने कहा, "तिलक वर्मा शानदार खिलाड़ी है। उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका दिया गया। वह भविष्य का बड़ा खिलाड़ी है। उनका स्वभाव बहुत अच्छा है और ऐसा नहीं लगता कि वो अपने दूसरे सीजन कमजोर दिखेंगे। साथ ही मुंबई ने टिम डेविड पर पर्याप्त भरोसा नहीं दिखाया। लेकिन जब उन्होंने किया, तो उन्होंने अपनी ताकत दिखाई"
तिलक वर्मा ने 14 मैचों में 131.02 के स्ट्राइक रेट से 397 रन बनाए, जबकि डेविड ने आठ मैचों में 216.28 के स्ट्राइक रेट के साथ 186 रन बनाए। चोपड़ा को लगता है कि हालांकि टीम के पास शीर्ष क्रम और मध्यक्रम में मजबूत बल्लेबाज थे, लेकिन उन्हें ऑलराउंडरों की कमी थी। उन्होंने कहा, 'बल्लेबाजी में कोई दिक्कत नहीं है। समस्या ऑलराउंडरों की कमी को लेकर आई है। बल्लेबाज गेंदबाजी नहीं करते, गेंदबाज बल्लेबाजी नहीं करते। क्रुणाल पांड्या, हार्दिक पांड्या और पोलार्ड पहले गेंदबाजी भी करते थे, बल्लेबाजी भी करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है।"