1. भारत बनाम आॅस्ट्रेलिया, कानपुर
1955 से 1960 के बीच आॅफ स्पिनर जसुभाई पटेल ने सात टेस्ट मुकाबले खेले। उन्हें विशेषतौर पर कानपुर में 1958-1959 में खेले गए मैच में 14 विकेट लिए थे और यह भारत की आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट क्रिकेट जीत थी।
उन्होंने पहली पारी में 69 रन देकर 9 विकेट लिए थे और वह बेस्ट इंडियन टेस्ट बॉलर बन गए थे। हालांकि, अनिल कुंबले ने 40 साल बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में 10 विकेट लेकर यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
2. भारत बनाम इंग्लैण्ड, कोलकाता
भारत ने इंग्लैण्ड को 3 टेस्ट क्रिकेट मैच की सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज की थी। 1972 में इस सीरीज का पहला टेस्ट मुकाबला दिल्ली में हुआ, जो कि भारत हार गया था। इस हार के बाद कोलकाता के ईडेन गार्डन पर भारतीय टीम की ओर से बीएस चंद्रशेखर ने ऑस्ट्रेलिया को बेहद कम स्कोर पर समेट दिया था।
दिल्ली टेस्ट मैच में 9 विकेट चटकाने वाले इस गेंदबाज ने इस मैच में भी 9 विकेट लिए थे। इसके साथ ही बिशन सिंह बेदी ने दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाए थेे।
3. भारत बनाम पाकिस्तान, चेन्नई
1980 के दौर में भारतीय क्रिकेट टीम 8 घरेलू टेस्ट मैच ही जीत पाई थी। इसमें जनवरी 1980 का वह मुकाबला भी है जिसमें कपिल देव के शानदार प्रदर्शन की बदौलत पाकिस्तान की टीम को 10 विकट से हराकर 6 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल हुई थी।
उस मुकाबले में कपिल देव ने गेंद और बल्ले से जादू दिखाया। उन्होंने चार विकेट लिए थे और पाकिस्तान 272 पर आल आउट हो गया था। इसके साथ ही उन्होंने 98 गेंदों पर 84 रन भी बनाए। पहली पारी में 158 रनों की बढ़त वाली भारतीय टीम को कपिल ने दूसरी पारी में 7 विकेट दिलाए। यह कपिल का किसी घरेलू टेस्ट मैच में बेस्ट परफॉर्मेंस था।
4. भारत बनाम वेस्टइंडीज, चेन्नई
14 जनवरी 1988 को एक लेगस्पिनर ने टेस्ट क्रिकेट में ग्रैंड एंट्री करते हुए अपने पहले ही मैच में 136 रन देकर 16 विकेट चटका डाले। उसने यह कारनामा उस वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ किया जिसमें विव रिचर्ड, डेसमंड हेनेस और रिची रिचर्डसन सरीखे दिग्गज खिलाड़ी थे।
इस गेंदबाज का नाम था नरेंद्र हिरवानी। मध्य प्रदेश के इस गेंदबाज ने पहली पारी में 61 रन देकर 8 विकेट चटकाए और दूसरी पारी में भी 75 रन देकर 8 विकेट चटकाए थे। इस मुकाबले की जीत के साथ ही हिरवानी के नाम डेब्यू मैच मं बेस्ट बॉलिंग प्रदर्शन करने का भी रिकॉर्ड दर्ज हो गया। यह उससे पहले तक बॉब मैसी के नाम था, जिन्होंने 1972 में 137 रन देकर एक टेस्ट मैच में 26 विकेट लिए थे।
5. भारत बनाम आॅस्ट्रेलिया, चेन्नई
चेन्नई में 1998 में खेले गए इस टेस्ट मुकाबले में भारतीय मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का जादू चला। हालांकि, पहली पारी में वह शेन वॉर्न की गेंद पर 4 रन बनाकर ही आउट हो गए।
लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने 191 गेंदों पर नाबाद रहते हुए 155 रनों की शानदार पारी खेली और सीरीज का यह पहला मुकाबला भारत ने 179 रनों से अपने नाम किया।
6. भारत बनाम पाकिस्तान, दिल्ली
7 फरवरी 1999 के दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए मुकाबले में अनिल कुंबले ने इतिहास का बेस्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाए और ऐसा करने वाले वह क्रिकेट इतिहास के दूसरे गेंदबाज बन गए।
उन्होंने एक पारी में 74 रन देकर सभी विकेट लिए और भारत के 19 साल बाद अपने इस विरोधी के खिलाफ टेस्ट मैच जीता।
7. भारत बनाम आॅस्ट्रेलिया, कोलकाता
2001 में खेला गया यह मुकाबला आज भी याद किया जाता है। भारत सीरीज में 0-1 से पीछे चल रहा था। इसके बाद वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण भारत के हीरो बने। उन्होंने 6वें नंबर पर उतरकर 59 गेंदों पर 89 रनों की आतिशी पारी खेली। इसे देखते हुए दूसरी पारी में उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया।
लक्ष्मण ने 109 पर नाबाद रहते हुए राहुल द्रविड़(180) के साथ मैच के चौथे दिन कुल 335 रनों की साझेदारी की। भारत ने 589 रन 4 विकेट खोकर बना लिए। वीवीएस लक्ष्मण ने मैराथन पारी खेलते हुए 281 रनों की व्यक्तिगत पारी खेली और यह किसी भारतीय का टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर था। कप्तान सौरव गांगुली ने 383 रनोंं की लीड के साथ पारी समाप्ति की घोषणा कर दी। अॉॉस्ट्रेलिया को मैच ड्रॉ कराने के लिए 75 ओवर खेलने थे। लेकिन भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह ने एक दिन में 123 रन देकर 7 विकेट चटकाए और हैट्रिक भी बनाई। इस मैच को भारत ने जीत लिया।
8. भारत बनाम इंग्लैण्ड, चेन्नई
इंगलैण्ड के टेस्ट क्रिकेट कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस थे और टेस्ट सीरीज़ में दो मैच पहले ही जीत चुके थे। भारत को 387 रनों का टार्गेट मिला था। वीरेंद्र सहवाग ने 11 चौकों और 1 छक्के की मदद से 68 गेंदों पर 83 रन की आतिशी पारी खेली।
दिन खत्म होने पर भारत को स्कोर 131 रन पर 1 विकेट था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह की नाबाद 163 रनों की साझेदारी की वजह से भारत यह मैच 6 विकेट से जीतने में सफल रहा।
9. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, कोलकाता
2001 के टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक बनाने वाले हरभजन सिंह ने इस मैच की दूसरी पारी में 7 विकेट लिए। इससे भारत को निर्णायक 106 रनों की बढ़़त मिल गई। उन्हाेंने मैैच के चौथे दिन 5 में से 4 विकेट चटकाए और भारत ने आसानी से 117 रनों के टार्गेट को 2 विकेट के नुकसान पर पूरा कर मैैच अपने नाम कर लिया।
10. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, मोहाली
इस मैच में भी हीराे बने वीवीएस लक्ष्मण। उन्होंने 79 गेंदों पर 73 रनों की पारी खेली जो कि भारत की जीत में अहम साबित हुुई। भारत 76 रनों पर 4 विकेट के साथ संघर्ष कर रहा था लेकिन ईशांत शर्मा की 31 रनों की पारी के चलते स्कोर 124 रन पर 8 विकेट हो गया।
नौवें विकेट के लिए लक्ष्मण और ईशांत के बीच 81 रनों की साझेदारी हुई। इस मैच को भारत ने जीत लिया था।