थॉमस कप 2022 के फाइनल में पहुंच भारत ने रचा इतिहास, पहली बार पक्का किया सिल्वर मेडल
नई दिल्ली। थाईलैंड के बैंकॉक में खेले रहे थॉमस कप 2022 में भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने इतिहास रच दिया है और डेनमार्क के खिलाफ खेले गये सेमीफाइनल मुकाबले में 3-2 से जीत हासिल कर पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने का कारनामा किया है। इस जीत के साथ ही भारत का थॉमस कप में सिल्वर मेडल पक्का हो गया है। इससे पहले भारतीय बैडमिंटन टीम ने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मलेशिया के खिलाफ भी 3-2 से जीत हासिल की थी और 43 साल बाद इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने का कारनामा किया था।
सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही भारतीय बैडिमिंटन की पुरुष टीम का ब्रॉन्ज मेडेल पक्का हो गया था लेकिन अब फाइनल में जगह बनाकर टीम ने पदक का रंग सिल्वर कर लिया है। थॉमस कप के 73 सालों के इतिहास में भारत ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई है, जबकि आखिरी बार वो 43 साल पहले इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा था।
और पढ़ें: एशिया कप से पहले भारतीय हॉकी टीम को लगा बड़ा झटका, कप्तान रूपिंदर चोटिल होकर हुए बाहर
सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष टीम के लिये लक्ष्य सेन पहला मुकाबला खेलने उतरे जिसमें उनका सामना डेनमार्क के विक्टर एक्सलसेन से हुआ। इस दानिश खिलाड़ी ने अपने रुतबे के अनुसार प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य सेन को कड़ी टक्कर दी 21-13, 21-13 के दो सीधे सेटों में हराकर डेनमार्क को 1-0 की बढ़त दिला दी।
वहीं डबल्स के मुकाबले में भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने डेनमार्क के किम एस्त्रुप और मैथियास क्रिस्टियानसेन को हराकर इस बढ़त को 1-1 की बराबरी पर पहुंचा दिया। भारतीय जोड़ी ने पहले सेट में 21-18 से जीत हासिल की जबकि दूसरे सेट में कड़ी टक्कर के बावजूद डेनमार्क की जोड़ी 23-21 से जीत गई। इसके चलते मैच का फैसला तीसरे सेट में हुआ जिसमें भारतीय जोड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया और 22-20 के साथ मैच को अपने नाम कर लिया।
और पढ़ें: RCB vs PBKS: बेयरस्टो-लिविंगस्टोन ने कर दी चौके-छक्कों की बारिश, 14 छक्के-16 चौके लगा बनाये 209 रन
तीसरे मैच में विश्व के पूर्व नंबर 1 और भारतीय स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत का सामना एंडर्स एंटोनसेन से हुआ, जहां पर श्रीकांत ने पहले सेट में 21-18 से जीत हासिल की लेकिन दूसरे सेट में एंडर्स ने वापसी करते हुए 21-12 से जीत हासिल कर ली। श्रीकांत ने डिसाइडर मुकाबले में 21-15 से जीत हासिल कर भारतीय टीम की बढ़त को 2-1 कर दिया। हालांकि कृष्णा प्रसाद और विष्णुवर्धन की जोड़ी के सामने खेले गये अगले डबल्स मुकाबले में डेनमार्क की जोड़ी ने 21-14 और 21-13 की आसान जीत के स्कोर को 2-2 से बराबर कर दिया।
अब सेमीफाइनल मैच का आखिरी मुकाबला एचएस प्रणॉय और रैसमस गेम्के के बीच खेला गया जहां पर डेनमार्क के खिलाड़ी ने पहले सेट में 21-13 की बड़ी जीत हासिल की, हालांकि दूसरे सेट में प्रणॉय ने वापसी करते हुए 21-9 से जीता और तीसरे सेट में भी 21-12 से जीत हासिल कर भारतीय टीम को डेनमार्क पर 3-2 की जीत दिला दी। एचएस प्रणॉय ने बिल्कुल वही काम किया जो उन्होंने सेमीफाइनल में कर के दिखाया था और डेनमार्क की मजबूत टीम के सामने भारतीय खिलाड़ियों ने अपना दम दिखाया और 3-2 से जीत हासिल की। इस यादगार जीत के साथ भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने पहली बार थॉमस कप के फाइनल में जगह बना ली है।