थॉमस कप में भारत ने खत्म की इंडोनेशिया की बादशाहत, 14 बार के चैम्पियन को रौंद जीता 'बैडमिंटन का विश्वकप'
नई दिल्ली। थाइलैंड के बैंकॉक में खेले जा रहे थॉमस कप में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। इसे बैडमिंटन की दुनिया का विश्वकप भी कहा जाता है, जिसमें सभी देशों की खिलाड़ी बतौर टीम हिस्सा लेते हैं, जिसमें भारतीय टीम ने इंडोनेशिया की बादशाहत को खत्म कर 73 साल बाद अपना पहला खिताब जीता है। 1949 में शुरू हुआ यह टूर्नामेंट पहले हर 3 साल में एक बार खेला जाता था लेकिन 1982 में इसके नियम में बदलाव कर इसे हर दो साल बाद आयोजित किया जाने लगा।
भारतीय टीम ने आखिरी बार 1979 में इस टूर्नामेंट में अपना सबसे बेस्ट प्रदर्शन किया था और सेमीफाइनल में पहुंची थी, लेकिन डेनमार्क ने उसे हराकर बाहर का रास्ता दिखाया। लेकिन इस बार भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में डेनमार्क को ही हराकर फाइनल में जगह बनाई और 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया की टीम को फाइनल में 3-0 से मात देकर खिताब जीत लिया है।
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14 बार की चैम्पियन को हरा कर जीता खिताब
भारत यह खिताब जीतने वाली छठी टीम बन गई है। 30 बार आयोजित हो चुके इस टूर्नामेंट में इंडोनेशिया की टीम ने 14 बार खिताब जीतकर अपना एकतरफा दबदबा बनाया हुआ था और इस साल खेले गये टूर्नामेंट में बतौर डिफेंडिंग चैम्पियन खेलने उतरी थी। इंडोनेशिया ने अपने रुतबे के हिसाब से ही टूर्नामेंट में प्रदर्शन किया और फाइनल तक जगह बनाई। वहीं भारत की बैडमिंटन टीम ने लगातार उलटफेर करना जारी रखा और पहले क्वार्टरफाइनल में 3-2 से जीत हासिल की तो वहीं पर डेनमार्क के खिलाफ खेले गये सेमीफाइनल मैच में डेनमार्क को आखिरी मैच में हराकर पहली बार फाइनल में पहुंचने का कारनामा किया।
एकतरफा अंदाज में भारत ने रचा इतिहास
भारतीय बैडमिंटन टीम जब फाइनल में इंडोनेशिया के खिलाफ खेलने उतरी तो फैन्स को जीत की उम्मीद जरूर थी लेकिन इस तरह से एकतरफा जीत का अंदाजा किसी को नहीं था। भारतीय टीम के लिये लक्ष्य सेन पहले मैच में इंडोनेशिया के गिनटिंग के खिलाफ खेलने उतरे, जिसमें गिनटिंग ने पहले ही सेट में अपना दबदबा बरकरार रखते हुए लक्ष्य सेन को 8-21 से मात देकर 1-0 की बढ़त बना ली। हालांकि लक्ष्य सेन ने अगले दो राउंड में जबरदस्त वापसी करते हुए गिनटिंग को लगातार दो सेट में 21-17 और 21-16 से मात देकर पहला मैच अपने नाम कर लिया और भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी।
सात्विक-चिराग की जोड़ी ने रखा दबदबा बरकरार
वहीं दूसरे मैच में भारत के सात्विक साई राज और चिराग शेट्टी का मुकाबला पुरुष डबल्स मैच में इंडोनेशिया के एहसान और केविन की जोड़ी से हुआ। पहले ही मैच की तरह यहां पर भी इंडोनेशियाई जोड़ी पहले सेट में भारतीय टीम पर भारी पड़ी और 18-21 से सेट को अपने नाम कर लिया। हालांकि भारतीय जोड़ी ने हार नहीं मानी और अगले दो सेट में 23-21 और 21-19 की करीबी जीत हासिल कर भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी।
किदांबी श्रीकांत ने दिलाया विनिंग मोमेंट
तीसरे मैच में भारत के लिये पूर्व विश्व नंबर 1 किदांबी श्रीकांत खेलने उतरे जिनका सामना जोनाथन क्रिस्टीन से हुआ, जहां पर श्रीकांत ने पहले सेट में 21-15 से जीत हासिल कर 1-0 की बढ़त बना ली। लेकिन दूसरे सेट में क्रिस्टीन ने जबरदस्त वापसी की और यह सेट लगातार कभी भारत के पक्ष में तो कभी इंडोनेशिया के पक्ष में जाता नजर आया। हालांकि अंत में किदांबी श्रीकांत 22-21 से इस सेट को अपने नाम कर इतिहास रच दिया और भारत को 3-0 से जीत दिला दी। इस जीत के साथ ही भारत थॉमस कप जीतने वाला छठा देश बन गया। इस टूर्नामेंट को इंडोनेशिया ने सबसे ज्यादा बार अपने नाम करते हुए 14 बार ट्रॉफी जीती है, तो वहीं पर चीन ने 10 बार इस खिताब को अपने नाम किया है। मलेशिया की टीम ने भी 5 बार इस खिताब को अपने नाम किया है तो वहीं पर जापान, डेनमार्क के साथ अब भारत का नाम भी इस खिताब को एक बार जीतने वाली टीम में जुड़ गया है।