नयी दिल्ली। रियो ओलंपिक में भारत की झोली अब तक खाली है। भारतीय खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शनक की वजह से अब तक एक भी मेडल उनके खाते में नहीं आया है। जिन खिलाड़ियों से देश को उम्मीद थी वो भी नाकामियाब रहे हैं। ऐसे में भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने रियो ओलिंपिक खेलों में खिलाड़ियों के नाकामियाबी की वजह भारत की व्यवस्था को ठहराया है।
बिंद्रा ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। ऐसे में देश में खिलाड़ियों पर पर्याप्त निवेश करने के बाद ही उनसे पदक की उम्मीद की जानी चाहिए। उन्होंने भारतीय व्यवस्था पर निशाना साधते हुए ब्रिटेन की सरकार हर पदक पर 55 लाख पाउंड खर्च करती है।
हार के बाद बोले बिंद्रा..मेरा शूटिंग करियर यहींं खत्म होता है..
उन्होंने कहा कि जबतक देश की अर्थव्यवस्था सही नहीं होती, तब तक देशवासियों को पद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। ब्रिटेन के समाचार-पत्र 'द गार्डियन' में प्रकाशित लेख में दिए बिद्रा ने अपने ट्विट में इस लेख को प्रदर्शित करते हुए ब्रिटेन में खिलाड़ियों पर होने वाले खर्च की ओर ध्यान आकर्षित किया है। लेख के मुताबिक ने ब्रिटेन में हर पदक के लिए कितनी भारी मात्रा में खर्च किया है। आपको बता दें कि 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे और कांस्य पदक से चूक गए थे।