सोनभद्र: 3000 टन सोने की खुदाई से पहले खड़ी हुई ये नई मुश्किल, काम शुरू होने में लगेगा समय
सोनभद्र। पिछले 40 सालों से चल रही सोने की तलाश उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जाकर पुरी हो गई। लेकिन जियो टैगिंग कराकर ई-टेंडरिंग का काम अब जल्द शुरू होते नहीं दिख रहा। दरअसल, सोन पहाड़ी पर जहां सोने को लेकर खनन होना है, वो अधिकतर जमीन रिजर्व फॉरेस्ट में आती है। वहीं, कुछ जमीनों पर निजी स्वामित्व है। जिसके चलते सोने की खदान में काम शुरू होने में कितना समय लगेगा इसमें अभी बड़ा पेज फंस गया है।
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रिजर्व फॉरेस्ट में आती है जमीन
सोनभद्र जिले में सोने की खदान मिलने के बाद पूरी दुनिया की निगाहें यहां टिक गई है। मामले में सरकार से लेकर जीएसआई तक तेजी से इस इलाके में खनन की जमीन के चिन्हीकरण में लगे हुए है और शासन के निर्देश पर गठित सात सदस्यीय टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सात सदस्यीय टीम ने जमीन का जो सर्वेक्षण किया है, उसमें पता चला है कि सोन पहाड़ी पर जहां सोने को लेकर खनन होना है, वो अधिकतर जमीन रिजर्व फॉरेस्ट में आती है।
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शासन को भेजी गई रिपोर्ट
वरिष्ठ खनन अधिकारी के.के राय के अनुसार सोन पहाड़ी में जहां सोने का भंडार चिन्हित किया गया है, वहां की 95 फीसदी से अधिक जमीन वन विभाग की है। बाकी की कुछ जमीनों पर निजी स्वामित्व है। जल्द ही इस संबंध में रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। चूंकि अधिकतर जमीन रिजर्व फॉरेस्ट के तहत आती है, लिहाजा इस पर प्रदेश शासन स्तर से ही निर्णय होगा। माना जा रहा है कि वन विभाग को इस भूमि के बदले कोई दूसरी जमीन स्थानांतरित (ट्रांसफर) की जाएगी।
सोने के साथ कई खनिजों का मिला भंडार
बता दें कि यहां भू-वैज्ञानिकों को सोन पहाड़ी के अलावा हरदी ब्लॉक में दो जगह सोने के अयस्क मिले हैं। माना जा रहा है कि यहां 3000 टन सोने के अयस्क से करीब 1500 टन सोने का खनन किया जाएगा। जीएसआई को यहां सिर्फ सोने अयस्क ही नहीं मिले हैं। बल्कि कई अन्य कीमती खनिजों की भी यहां खोज हुई है। जीएसआई ने 90 टन एंडालुसाइट, नौ टन पोटाश, 18.87 टन लौह अयस्क और करीब 10 लाख टन सिलेमिनाइट के भंडार की भी खोज की है।
सभी ब्लॉक पर खनन की जमीन का चिन्हीकरण हुआ पूरा
इस संबंध में शासन के निर्देश पर गठित सात सदस्यीय टीम रिपोर्ट तैयार करने में लगी हुई है। इसी को लेकर हवाई सर्वेक्षण भी किया गया। टीम ने सोन पहाड़ी के अलावा पुलवर ब्लॉक, सलइयाडीह ब्लॉक, पटवध ब्लॉक, भरहरी ब्लॉक, हरदी ब्लॉक और छिपिया ब्लॉक में भी जमीनों को चिन्हित करने का काम पूरा कर लिया गया है।