सोनभद्र नरसंहार की बरसी पर उम्भा गांव जा रहे थे अजय कुमार लल्लू, पुलिस ने लिया हिरासत में
भदोही। सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार को एक साल पूरा होने जा रहा है। उम्भा गांव में हुए नरसंहार की पहली बरसी पर राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। दरअसल, गुरुवार 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू उम्भा जा रहे थे। तभी भारी पुलिस बल ने उम्भा जाने से रोक लिया और 3 लोगों के साथ उन्हें हिरासत में लिया। फिलहाल पुलिस उन्हें सीतामढ़ी गेस्ट हाउस लेकर गई है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू में इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि दलित-आदिवासियों पर हमला करने वाली भाजपा सरकार उनके अधिकारों की लड़ाई से इतना डरती क्यों है। कांग्रेस ने नरसंहार के दौरान भी उनके खिलाफ अत्याचार को जोर-शोर से उठाया था। कहा कि निश्चित रूप से ये सरकार दमन की राजनीति पर विश्वास करती है। ये लोकतंत्र की हत्या कर रही है। लेकिन कांग्रेस पार्टी न डरने वाली है, न दबने वाली है। हम मजबूती के साथ आदिवासी भाई बहनों की आवाज उठाते रहेंगे और कानून व्यवस्था के सवाल पर इस सरकार को घेरते रहेंगे।
लल्लू ने कहा कि मुझे लगता है कि जितनी पुलिस फोर्स मेरे लिए लगाई गई है, उतनी अगर अपराधियों को पकड़ने में लगाई जाती तो प्रदेश की जनता सुरक्षित महसूस करती। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ये सरकार राजनीतिक लोगों को चुन-चुनकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। जेल भेज रही है। एक महीने मुझे भी जेल में रखा। कहा कि आज मैं उन आदिवासी भाई-बहनों को श्रद्धासुमन अर्पित करने जा रहा हूं, जो पिछले साल अपने हक की लड़ाई में शहीद हुए थे।
ये
है
पूरा
मामला
बता
दें
पिछले
साल
17
जुलाई
को
सोनभद्र
में
जमीन
विवाद
में
नरसंहार
हुआ
था।
तब
दर्जन
भर
से
ज्यादा
अधिकारियों
पर
कार्रवाई
हुई
थी।
डीएम
और
एसपी
को
हटा
दिया
गया
था।
नरसंहार
में
10
लोग
मारे
गए
थे।
उभ्भा
मामले
में
प्रमुख
सचिव
राजस्व
रेणुका
कुमार
की
जांच
रिपोर्ट
के
आधार
पर
सरकार
ने
तत्कालीन
उपजिलाधिकारी
घोरावल
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
कराने
के
आदेश
दिए
थे।
क्षेत्राधिकारी
घोरावल
के
खिलाफ
भी
सरकार
ने
कठोर
कदम
उठाए
और
पीड़ित
पक्ष
पर
दबाव
बनाने
के
लिए
उन
पर
गुंडा
एक्ट
व
आपराधिक
वाद
दर्ज
करते
हुए
एफआईआर
दर्ज
कराने
के
निर्देश
दिए
थे।