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सीतापुर: होम क्वारंटाइन किए गए बाबूराम को सड़ा चावल देने की खबर पर पत्रकार के खिलाफ केस

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सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक पत्रकार ने प्रशासन की पोल खोलने वाली खबर चलाई जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। इस खबर में यह आरोप लगाया गया है कि होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को प्रशासन घटिया क्वालिटी का चावल खाने को दे रहा है। महोली तहसील निवासी बाबूराम सड़ा हुआ चावल लेकर आलाधिकारी से शिकायत करने आए तब पत्रकार ने उनसे बात कर इस पर खबर बनाई। इससे नाराज तहसील लेखपाल ने पत्रकार के खिलाफ केस कर दिया। इस कार्रवाई से आहत पत्रकार ने जिलाधिकारी से मिलकर विरोध जताया है और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। खबर देखने के बाद जिलाधिकारी ने भी इसकी जांच कराने और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

प्रशासन के कारनामे की खोली पोल

प्रशासन के कारनामे की खोली पोल

पत्रकार रविंद्र सक्सेना ने महोली तहसील में प्रशासन के इस कारनामे को उजागर किया। इस खबर में यह दिखाया गया है कि महोली तहसील में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को प्रशासन दुर्गंध व फफूंदीयुक्त चावल दे रहा है। पत्रकार रविंद्र सक्सेना ने तहसील निवासी बाबूराम से बातचीत का वीडियो बना लिया जिसमें वे कह रहे हैं कि उनको सड़ा चावल प्रशासन ने दिया है। पत्रकार ने इसकी खबर बनाकर स्थानीय स्तर पर चला दी जिसके बाद तहसील प्रशासन नाराज हो गया और लेखपाल ने उन पर मुकदमा दर्ज करा दिया।

बाबूराम ने कहा- सड़ा चावल है

बाबूराम ने कहा- सड़ा चावल है

आजादनगर मोहल्ले के बाबूराम को कृषक इंटर कॉलेज में क्वारंटाइन किया गया था लेकिन जब उनको होम क्वारंटाइन में भेजा गया तो घटिया क्वालिटी का चावल मुहैया कराया गया। बाबूराम ने बताया कि एसडीएम से शिकायत करने आया था लेकिन यहां कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि चावल सड़ा है, इससे दुर्गंध आ रही है। इसकी खबर बनाकर पत्रकार ने आलाधिकारियों से इस पर संज्ञान लेने की अपील की ताकि लोगों की सेहत की रक्षा हो सके।

पत्रकार पर तहसील प्रशासन ने किया केस

पत्रकार पर तहसील प्रशासन ने किया केस

पत्रकार रविंद्र सक्सेना का कहना है कि लेखपाल खुद को बचाने के लिए उनका उत्पीड़न कर रहा है। उन्होंने क्वारंइटाइन किए लोगों को खराब खाद्यान्न देने की खबर चलाई जिसके बाद साजिश के तहत उनके खिलाफ एफआईआर लिखा दी गई। अपने ऊपर केस होने के बाद रविंद्र सक्सेना अन्य पत्रकारों के साथ जाकर जिलाधिकारी से मिले। पत्रकारों ने डीएम से मामले की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि डीएम ने भी इस खबर को देखने के बाद जांच के बाद इसके लिए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले प्रदेश के मिर्जापुर में भी मिडडे मील में स्कूली बच्चों को नमक रोटी देने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर प्रशासन ने केस दर्ज किया था और वह मामला काफी चर्चा में रहा था।

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English summary
Case on journalist for exposing low quality rice for quarantined people
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