आजादी के बाद से इस गांव में नहीं बना सम्पर्क मार्ग, नाराज ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का नारा किया बुलंद
Siddharthnagar News, सिद्धार्थनगर। आजादी के 70 साल बाद भी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के बांसी तहसील के मगरगहा गांव में सम्पर्क मार्ग न बनने से नाराज ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद किया है। वोट बहिष्कार का नारा लगा रहे यह युवक स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से खासा नाराज हैं। इनकी नाराजगी की वजह गांव को जोड़ने वाला सम्पर्क मार्ग है, जो आज़ादी के 70 सालो बाद भी खस्ताहाल में पड़ा है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में किसी के बीमार होने पर भी एम्बुलेंस तक गांव में नही पहुंच पाता है। ग्रामीण किसी तरह से बीमार व्यक्ति को 2 किलोमीटर सड़क पर लाते है फिर एम्बुलेंस से इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर जाते है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि आज भी इस गांव में दुल्हनें कार से नहीं बल्कि डोली से ही विदा होकर जाती है।
कई बार की जनप्रतिनिधियों से शिकायत
ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस बात की शिकायत की। साथ ही सम्पर्क मार्ग बनवाने के लिए गुहार भी लगाई, लेकिन 70 सालों से उनकी समस्या का समाधान करने गांव में कोई नहीं आया। इस दौरान कई चुनाव हुए और उम्मीदवारों के आश्वासन के बाद इनकी समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। इसलिए विवश होकर उन्हें चुनाव बहिष्कार का निर्णय लेना पड़ा।
क्या कहना है स्थानीय विधायक का
वहीं, इस बारे में प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री व स्थानीय विधायक जय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके विधानसभा के इस गांव में आज भी सड़क की समस्या है। इसकी वजह लोगों द्वारा जमीन न देना बता जा गया है। उनका कहना है कि वो कई बार प्रयास कर चुके है लेकिन गांव के लोग सड़क के लिए जमीन देने को तैयार नहीं है।
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