हवालात में हुई हत्या में शिमला के पूर्व SP नेगी को जमानत, 8 पुलिसवालों में ये दूसरे जो जेल से बाहर होंगे
Uttrakhand News in Hindi, शिमला। उत्तराखंड में कोटखाई की स्कूली छात्रा से रेप व उसकी हत्या से जुड़े एक आरोपी को जेल में मार डालने वाले मामले में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने नेगी को जमानत दे दी है। इससे पहले पूर्व आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से पिछले दिनों जमानत मिली थी। इस मामले में फंसे कुल 8 पुलिस कर्मियों में नेगी दूसरे आरोपी हैं, जो अब जेल से बाहर होंगे।
रेप के आरोपी की पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई थी
बता दें कि, छात्रा से रेप के आरोपी की पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई थी। अब गुरूवार को शिमला में अदालत में न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने नेगी के जमानत मामले की सुनवाई की। जिसमें नेगी की जमानत मंजूर कर ली गई। नेगी कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास अफसरों में से एक थे। वह लंबे समय तक सीएम वीरभद्र सिंह की सुरक्षा में तैनात रहे हैं। नेगी वीरभद्र सिंह के विश्वस्त पुलिस अफसरों में से एक हैं। यही वजह है कि उनके खिलाफ जाने की हिम्मत किसी में नहीं हो पाई। उनका रुतबा इतना था कि पुलिस के डीजीपी तक की उनके खिलाफ कोई कदम उठाने की हिम्मत नहीं होती थी। उनके खिलाफ कई विवाद उभरे भी, लेकिन सब पुलिस मुख्यालय की फाइलों में दब कर रह गये।
नेगी कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र के खास रहे
कोटखाई की स्कूली छात्रा से रेप हत्या और एक आरोपी की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले ने हिमाचल की राजनिति को हिला कर रख दिया था। लोग इसके विरोध में सडक़ों पर उतरे तो मामला सीबीआई के पास जांच के लिये जा पहुंचा। जिसके बाद नेगी सहित आठ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी करीब डेढ़ साल साल से जेल में बंद हैं। पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी पर झूठी एफआईआर बनाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्यों को छुपाने तथा पकड़े गए एक कथित आरोपी राजू के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बीत सप्ताह आईजी जैदी को भी जमानत दे दी है।
सीबीआई ने उन्हें 16 नवंबर 2017 को गिरफ्तार किया था
सीबीआई ने शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। हालांकि, उनके खिलाफ अभी चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। कोटखाई में दसवीं की छात्रा का शव दांदी के एक जंगल में 4 जुलाई, 2017 को बरामद किया गया था। छात्रा दो दिन पहले स्कूल से जाने के बाद अचानक लापता हो गई थी। इसकी जांच के लिए तत्कालीन आईजी जहूर जैदी की अगुवाई में पुलिस का एक विशेष जांच दल गठित किया गया था।
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ये आठ गए जेल
जांच दल ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें स्थानीय युवक आशीष चौहान, राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, हलाइला निवासी, सुभाष बिष्ट गढ़वाल, सूरज सिंह और लोकजन उर्फ छोटू नेपाली और दीपक पौड़ी गढ़वाल निवासी शामिल थे। इनमें से एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई की रात को हत्या कर दी गई। सीबीआई ने हत्या एवं षड्यंत्र रचने के आरोप में पूर्व आईजी जैदी सहित आठ पुलिस कर्मियों को 29 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद शिमला के पूर्व एसपी नेगी को भी गिरफ्तार किया गया।
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