राहुल गांधी ने शिमला में तोड़ा कानून, प्रशासन व भाजपा सरकार ने साधी चुप्पी
Shimla News,(शिमला)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भले ही भाजपा नेता संसद से लेकर सड़क तक आग उगल रहे हों, लेकिन हिमाचल की भाजपा सरकार राहुल गांधी पर मेहरबान नजर आ रही है। शिमला पहुंचकर राहुल गांधी ने जिस तरह प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना अनुमति ड्रोन उड़ाया इस मामले में राज्य सरकार राहुल गांधी के खिलाफ कोई कार्रवाई करती नहीं दिख रही है।
राहुल गांधी ने तोड़ा कानून
दरअसल, राहुल गांधी इन दिनों शिमला के छराबड़ा में अपनी बहन प्रियंका गांधी के बंगले को देखने आए हैं। यहां बंगले के आसपास के कुदरती नजारे को देख राहुल गांधी अपने आपको रोक नहीं पाए व उन्होंने ड्रोन की सहायता से तस्वीरें और वीडियो बनाना शुरू कर दिया। सूचना के अनुसार राहुल गांधी ने सब कानूनी प्रावधानों को नजरअंदाज करके ड्रोन उड़ाने का काम किया। प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन की अनुमति रक्षा और गृह मंत्रालय देता है। छराबड़ा के आसमान में ड्रोन उड़ाने की मनाही है। यहां पास ही राष्ट्रपति का निवास है, जिसकी वजह से इलाका नो ड्रोन जोन है। यही नहीं पास ही सेना के प्रशिक्षण कमान का मुख्यालय भी है।
प्रशासन है खामोश
बताया जा रहा है कि सेना के अधिकारियों को जब इलाके में ड्रोन की जानकारी मिली तो शिमला जिला प्रशासन को सूचित किया गया लेकिन जब जांच की गई तो पता चला कि इसे तो राहुल गांधी उड़ा रहे हैं। उसके बाद अब सरकारी अमला इस मामले में खामोश है। हालांकि कोई भी आला अफसर जुबान खोलने को तैयार नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि भीतर ही भीतर इस बात पर मंथन हो रहा है कि अगला कदम उठाया जाए या नहीं।
ड्रोन के हैं कुछ नियम
नियमों के मुताबिक नो ड्रोन जोन में सभी एयरपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय सीमा, तटीय सीमा, सभी राज्यों की राजधानी में स्थित सचिवालय, सैन्य क्षेत्र और सामरिक महत्व के स्थान शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से कम से कम 25 किलोमीटर दूर रहकर ही ड्रोन उड़ाया जा सकता है लेकिन राहुल गांधी ने यहां कायदे कानूनों को ताक पर रख कर ऐसा किया है। ड्रोन उड़ाने के सरकार की ओर से बाकायदा नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत 250 ग्राम से ज्यादा वजनी ड्रोन उड़ाने को डीजीसीए में रजिस्ट्रेशन जरूरी होती है और लाइसेंस 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को ही मिलता है जो 10वीं पास होता है। वहीं ड्रोन के लिए इंपोर्ट क्लियरेंस और अनमैंड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट जरूरी होता है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर के लिए एक हजार रुपए की फीस देने का प्रावधान भी है। वहीं प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन की अनुमति रक्षा और गृह मंत्रालय देता है। नियम उल्लंघन पर धारा 287, 336, 337, 338 के तहत जुर्माने व सजा का प्रावधान है।