लोकसभा चुनाव 2019: अनुराग ठाकुर के लिए इस बार हमीरपुर का किला फतेह करना आसान नहीं
शिमला। हिमाचल प्रदेश के चार लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में हमीरपुर सीट का चुनाव खास बन गया है। हमीरपुर से इस बार मौजूदा सांसद अनुराग ठाकुर को दोबारा मैदान में उतारा है, हमीरपुर संसदीय सीट से तीन बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके अनुराग ठाकुर ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में ठाकुर ने कांग्रेस के रजिंदर राणा को 98403 मतों के अंतर से पराजित किया था। बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना व कांगड़ा जिला और मंडी जिला में यह चुनाव क्षेत्र सिमटा है।
घूमल परिवार के लिए चुनौती से कम नहीं चुनाव
ठाकुर हिमाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं। लिहाजा मौजूदा चुनाव धूमल परिवार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। चूंकि कांग्रेस के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की पूरी कोशिश है कि अनुराग इस बार चुनाव न जीत पायें। धूमल व वीरभद्र सिह के परिवार में राजनैतिक दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। यही वजह है कि हमीरपुर में चुनावी लड़ाई वीरभद्र सिंह बनाम धूमल बनती जा रही है। वीरभद्र सिंह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल इन दिनों अपना अधिकांश समय और ऊर्जा इसी इलाके में लगा रहे हैं, ताकि सुनिश्चित कर सकें कि उनका बेटा चौथी बार यहां से सांसद बन जाए। धूमल हाल ही में सुजानपुर से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, लेकिन दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में धूमल अनुराग ठाकुर से कहीं ज्यादा लोकप्रिय हैं।
अनुराग ठाकुर के लिए इस बार माकूल महौल नहीं
अनुराग ठाकुर के लिए पिछले चुनावों की तरह इस बार माकूल महौल नहीं है। पूर्व सांसद सुरेश चंदेल हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं, बिलासपुर में पूर्व विधायक रिखि राम कौंडल भी उनसे नाराज बताए जा रहे हैं। अनुराग के पिता पिछले विधानसभा चुनावों में सुजानपुर से हार चुके हैं। ऊना में सत्तपाल सिंह भी विधानसभा चुनाव हारे हैं। वहीं, ओबीसी नेता रमेश धवाला भी सरकार में मंत्री पद न मिलने पर धूमल परिवार से मुंह फुलाये बैठे हैं। उनका चुनाव प्रचार पूरी तरह मोदी केन्द्रित होता जा रहा है। अनुराग अपनी सभाओं में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करने के बजाए राष्ट्रवाद, देश प्रेम व मोदी के नेतृत्व की ही बात करते हैं।
कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना
भाजपा के युवा सांसद अनुराग ठाकुर जाना पहचाना चेहरा हैं। पूर्व बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर तीन बार सांसद रह चुके ठाकुर को इस बार कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पिछले तीस सालों में केवल एक बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने पूर्व एथलीट और पांच बार विधायक रह चुके रामलाल ठाकुर को मैदान में उतारा है। नैना देवी के मौजूदा विधायक रामलाल ठाकुर ने कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर पर छह बार राज्य का प्रतिनिधित्व किया है और तीन बाद टीम के कैप्टन रहे हैं। हालांकि, ठाकुर इससे पहले भी तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं तथा तीनों में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। इनमें वह दो बार भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश चंदेल और एक बार धूमल से चुनाव हारे हैं।
5.54 करोड़ रुपए है अनुराग ठाकुर की चल-अचल संपत्ति
हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के तीन बार के सांसद अनुराग ठाकुर की चल-अचल संपत्ति 5.54 करोड़ रुपए की है। दाखिल नामांकन पत्र के साथ दिए गए हलफनामे में ठाकुर ने घोषित किया है कि उनके और उनकी पत्नी शेफाली ठाकुर के पास क्रमश: 4,96,70,616 रुपए और 57,71,300 रुपए की संपत्ति है। उन पर कुल 10,185,114 रुपए का कर्ज है, जबकि उनकी पत्नी के पास कुल 22.08 लाख रुपए के जेवर हैं। ठाकुर और उनकी पत्नी के पास क्रमश: कुल 16,78,493 रुपए और 3,13,154 रुपए की बीमा पॉलिसी हैं। इस जोड़े के पास विदेशी पिस्तौल भी हैं। ठाकुर के पास जहां वॉल्टर पिस्तौल है, जिसकी कीमत 3.25 लाख रुपये हैं वहीं, उनकी पत्नी के पास एफ. एन. ब्राउनिंग पिस्तौल है, जिसकी कीमत 2.50 लाख रुपए हैं।
जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं चंदेल और ठाकुर
इस सीट से कांग्रेस के नारायण चंद पराशर, भाजपा के प्रेम कुमार धूमल, सुरेश चंदेल और अनुराग ठाकुर तीन-तीन बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनमें चंदेल और ठाकुर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। आस पूरी न होने पर चंदेल हाल ही में भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पराशर ने वर्ष 1971, 1980 और 1984 में तथा धूमल ने वर्ष 1989, 1991 और वर्ष 2007 में, चंदेल ने वर्ष 1998, 1999 और 2004 में और ठाकुर वर्ष 2008, 2009 और 2014 में इस सीट से विजयी रहे।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार मानते हैं कि नैना देवी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक कांग्रेस के 67 वर्षीय रामलाल ठाकुर, अनुराग ठाकुर के खिलाफ एक मजबूत राजनेता साबित हो सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस तीन बार के भाजपा सांसद सुरेश चंदेल को उतारने पर विचार कर रही थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी उसी सूरत में जीत पायेंगे, जब उन्हें बिलासपुर से लीड मिले व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू उनके साथ चलें। बता दें, हमीरपुर में 19 मई को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में मतदान होगा।
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