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22 दिन तक बर्फ में दबे रहने के बाद तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा शहीद बेटा विदेश

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Shimla news, शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमण्ड के थरूवा गांव के शहीद विदेश कुमार का पैतृक गांव के समीप राजकीय व सैन्य सम्मान सहित अंतिम संस्कार कर दिया गया। किन्नौर जिले के नमज्ञा में ग्लेशियर की चपेट में आने से शहीद हुए विदेश ठाकुर के पार्थिव शरीर को देखकर परिजन बेसुध हो गए। 7-J&K राइफल में सेवारत निरमण्ड तहसील के थरूआ गांव के विदेश ठाकुर भारत-चीन सीमा पर गश्त के दौरान गत 20 फरवरी को अन्य पांच जवानों सहित हिमखंड में दब गए थे।

kinnaur avalanche martyr videsh thakur last rites

तिरंगे में लिपटे विदेश को देखकर उनके परिजन बिलख कर रोने लगे और इस मौके पर मौजूद सैंकड़ों लोगों की अपनेआंसुओं को नहीं रोक पाए। पत्नी निंटा देवी और माता पुष्पा देवी विदेश का पार्थिव शरीर देखते ही बेसुध हो गईं। विदेश का सात साल पहले विवाह हुआ था, लेकिन अभी तक उनकी कोई संतान नहीं है। दादा केशू राम (90) अपने पोते के शहीद होने की खबर से सदमे में हैं।

विदेश 20 फरवरी को सेना के छह जवानों के साथ हिमखंड में दब गए थे। विदेश के चाचा सुरेश कुमार 7 डोगरा रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए हैं। बड़े भाई दिनेश कुमार महार रेजिमेंट 6 बटालियन सियाचिन पर तैनात थे। वहां से एक माह पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। कुल्लू के जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अक्षय सूद शहीद के राजकीय सम्मान के साथ के किए जाने वाले अंतिम संस्कार में शामिल हुए। वह शहीद के परिजनों से मिले और उन्हें सांत्वना दी।

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English summary
kinnaur avalanche martyr videsh thakur last rites
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