शिमला: पुलवामा हमले के बाद घर वापसी को मजबूर कश्मीरी, बोले- अब हर वक्त रहता है डर
Shimla news, शिमला। पुलवामा आतंकी हमले के बाद हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हालात बदलते नजर आ रहे हैं। वजह है यहां के कश्मीरी कुली यानि खान का यहां से अपने घर वापस लौटना। दरअसल, पुलवामा हमले के बाद अब यह लोग हिन्दू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में यह लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं और घर वापस लौटने की तैयारी करने लगे हैं। बता दें, कश्मीरी खान शिमला की लाइफ लाइन कहे जाते हैं। ये लोग ही पहाड़ों पर दूध से लेकर भारी-भारी गैस सिलेंडर तक अपनी पीठ पर लादकर लोगों तक पहुंचाते हैं।
लोग शक और नफरत से देख रहे
14 फरवरी को पुलवामा हमले के एक दिन बाद बैजनाथ में जहां एक शॉल बेचने वाले कश्मीरी युवक के साथ मारपीट हुई तो पालमपुर में कुछ कश्मीरी मजदूरों को भीड़ ने भगाया। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों में डर का महौल पैदा हो गया। शिमला में पिछले कई सालों से मजदूरी करने के लिए आने वाले अब्दुल रशीद जम्मू कश्मीर के कुलगाम के दानोसर गांव के हैं। वह बताते हैं कि इस बार हालात बदल गए हैं, लोग हमें अब शक व नफरत से देख रहे हैं। ऐसे में हम अपने घर वापस लौटने को मजबूर हैं। हालांकि, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमें तो अपनी रोटी कमानी है, लेकिन महौल ठीक नहीं है।
हर वक्त रहता है डर
राष्ट्रीय मुस्लिम संघ के जिला अध्यक्ष बिलाल अहमद शाह ने कहा कि इन दिनों अकेले शिमला ही नहीं, दूसरों हिस्सों में भी कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है। हमने कई वारदातों को सोशल मीडिया में देखा, जिससे डर व भय का महौल है। उन्होंने कहा कि हर वक्त यही अंदेशा बना रहता कि पता नहीं कब हम लोग भीड़ के शिकार हो जाएं। कई जगहों पर शॉल बेचने वाले भी डर की वजह से वापस लौट रहे हैं।
लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन
बताया जा रहा है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में करीब 8000 कश्मीरी खान इन दिनों अपनी रोजी रोटी कमाने आए हैं। खासकर शिमला, कांगड़ा, धर्मशाला, कुल्लू, चंबा व सोलन में इनकी तादाद ज्यादा है। इन्हीं इलाकों में पुलवामा हमले के बाद विरोध प्रदर्शन भी लगातार हो रहे हैं। यही नहीं सोलन जिला के दो शिक्षण संस्थानों में जिस तरीके से तीन कश्मीरी युवक सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर पकड़े गए हैं, उसने तो आग में घी का काम किया है। और लोगों में उनके प्रति गुस्सा देखा जा रहा है।
क्या कहते हैं शिमला के एसपी
हालांकि, बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने सभी थाना को एडवाईजरी जारी कर कश्मीरियों पर पर नजर रखने को कहा है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इंटेलिजेंस एजेंसी ने भी आगाह किया है कि तनाव के महौल में कश्मीरी भीड़ के निशाने पर आ सकते हैं। शिमला के एसपी ओमापति जमवाल ने बताया कि कश्मीरी लोगों की सुरक्षा के लिए इनकी आबादी वाले क्षेत्रों में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी हालात पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए हैं। उधर, प्रदेश सरकार ने अपनी परिवहन सेवा एचआरटीसी के सेवा जम्मू काशमीर के लिए बंद कर दी है। एचआरटीसी की कोई भी बस अब हिमाचल से जम्मू कश्मीर के लिए नहीं जाएगी, उन्हें पठानकोट तक ही भेजा जा रहा है।
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