आय से अधिक संपत्ति के आरोप तय होने से पहले ही वीरभद्र पत्नी के साथ पहुंचे दिल्ली हाईकोर्ट
Shimla news, शिमला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर कसे जा रहे कानूनी शिकंजे से बचने के लिये वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी ने बुधवार को एक और पैंतरा चलते हुये ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दस्तक दे दी।
वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी को सीबीआई की अदालत ने 29 जनवरी को हाजिर होने को कहा है। इसी दिन उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप तय होने हैं। हालांकि उन्हें 22 जनवरी को अदालत में हाजिर होना था। लेकिन उन्होंने अदालत को अपनी बीमारी की वजह से हाजिर नहीं हो पाने की बात बताई, तो दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट ने उन्हें 29 जनवरी को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में हाजिर होने को कहा। इस दिन वीरभद्र सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। लेकिन अचानक वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।
याद रहे कि सीबीआई के अलावा ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है। वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 2009 व 2011 के बीच उनकी आय से अधिक 6.1 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति जुटाने के आरोप हैं। इस दौरान वीरभद्र सिंह यूपीए की केंद्र सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। हालांकि उन्होंने अपनी संपत्ति को सेब के बगीचों से हुई आमदन के तौर पर दर्शाया था। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई भी उनसे पूछताछ कर चुकी है। ईडी की चार्जशीट में वीरभद्र के अलावा 7 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है।
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि वीरभद्र ने 28 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 और 19 जनवरी 2011 से 26 जून 2012 के दौरान केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति बनाई है। जो अवैध है। इतना ही नहीं उन्होंने इस काले धन को अन्य आरोपियों व आनंद सिंह की मदद से बीमा कंपनियों में निवेश किया। सीबीआई की शुरुआती जांच में पाया गया कि वीरभद्र ने 6.3 करोड़ रुपएकी संपत्ति बनाई है। इसके बाद ईडी ने वीरभद्र सहित उनके परिवार के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में पिछले साल 5.6 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति भी जब्त की थी।