उत्तराखंड के बाद हिमाचल में भी गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग, मोदी सरकार को भेजेंगे प्रपोजल
शिमला। गाय को लेकर देशभर में जारी सियासी हो-हल्ले के बीच हिमाचल प्रदेश में इस पशु को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग उठी हैं। इसके लिए राज्य सरकार केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भी भेज रही है। बता दें कि, उत्तराखंड के बाद अब हिमाचल देश का दूसरा राज्य बन जायेगा,जहां गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की वकालत हो रही है।
शीतकालीन
सत्र
में
गूंजी
आवाज
हिमाचल
विधानसभा
के
धर्मशाला
में
चल
रहे
शीतकालीन
सत्र
के
दौरान
गाय
को
लेकर
चर्चा
हुई।
सबसे
पहले
कुसुम्पटी
के
विधायक
अनिरूद्ध
सिंह
ने
यह
प्रस्ताव
विधानसभा
पटल
पर
रखा।
जिसका
समर्थन
सत्तारूढ़
दल
के
विधायकों
ने
भी
किया।
गाय
को
लेकर
अनिरूद्ध
सिंह
कोई
नीति
बनाने
पर
विचार
करने
को
भी
कहा।
उन्होंने
कहा
कि
गाय
का
इस्तेमाल
करने
के
बाद
उसे
पालने
वाले
लावारिस
छोड़
देते
हैं,
मॉब
लिंचिंग
का
दौर
भी
चला।
अब
इस
पशु
को
राष्ट्रमाता
घोषित
करने
का
प्रस्ताव
केंद्र
को
भेजा
जाना
चाहिए।
इस
पर
पक्ष
और
विपक्ष
के
सभी
सदस्य
गाय
को
राष्ट्रमाता
घोषित
करने
के
लिए
एकमत
दिखे।
इसके
बाद
संकल्प
सदन
में
सर्वसम्मति
से
पारित
हो
गया।
हिमाचल
में
21
लाख
49
हजार
गायें
वहीं,
पशुपालन
मंत्री
वीरेन्दर
कंवर
ने
कहा
कि
वर्ष
2011-12
की
गणना
के
अनुसार
हिमाचल
में
21
लाख
49
हजार
गायें
पंजीकृत
हुईं।
इनमें
से
40
हजार
गायें
सडक़ों
पर
हैं।
सिर्फ
10
हजार
गायें
गोशालाओं
में
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
प्रदेश
में
गौ-विज्ञान
केन्द्र
स्थापित
करने
जा
रही
है।
गाय
की
नस्ल
सुधार
के
लिये
अनुसंधान
किये
जायेंगे।
देशी
गाय
की
नस्ल
का
नाम
गौरी
रखा
जायेगा।
हर
जिला
में
गाय
के
लिये
दो
या
तीन
सेंक्चुअरी
बनाई
जायेंगी,
ताकि
बेसहारा
न
रहे।
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