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अपनी इज्‍जत बचाना महिला की खुद की जिम्मेदार: कोर्ट

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शिमला। महिलाओं के सम्मान उनकी इज्जत को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी रिलेशनशिप में बुनियादी तौर पर यह महिला की जिम्मेदारी है कि वह अपनी मान-मर्यादा की रक्षा करे। कोर्ट ने दलील दी है कि महिला से यह अपेक्षित नहीं है कि वह स्वयं को अपने पुरुष साथी पर न्योछावर कर दे।

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कोर्ट का ये बयान उस केस की सुनवाई के दौरान आया जिसमें रेप के आरोपी शादीशुदा एक शख्स की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। जस्टिस तरलोक सिंह चौहान के मुताबिक, पीड़िता और आरोपी दोनों एक दूसरे से अजनबी नहीं थे और सबूतों से पता चलता है कि वे एक-दूसरे के लिए ‘दोस्त से बढ़कर' थे। पीड़िता विधवा है और एक बच्चे की मां है।

पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर करीब डेढ़ साल तक शारीरिक संबंध बनाने पर मजबूर किया। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए कहा कि जब पीड़िता को यह पता था कि आरोपी शादीशुदा है तो यह उसकी जिम्मेदारी थी कि वह उसके साथ अंतरंग गतिविधियों में लिप्त न हो।

कोर्ट ने कहा कि यह महिला ही अपने शरीर की रक्षक है। अपनी पवित्रता, शुचिता और नैतिकता बनाए रखने की जिम्मेदारी महिला की है।

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English summary
The Himachal Pradesh High Court has observed that it was the responsibility of the woman in a relationship to protect her modesty and dignity.
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