शिमला न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

भारी बारिश से हिमाचल में दरके पहाड़, रास्ते बंद होने पर 13 हजार लोग फंसे, इनमें 400 गुजराती

Google Oneindia News

वडोदरा/शिमला। भारी बारिश, भूस्खलन एवं बाढ़ से हिमाचल प्रदेश संकट में है। यहां जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक मणिमहेश की यात्रा के लिए विभिन्न राज्यों से पहुंचे हजारों लोग फंस गए हैं। तीन ​दिनों पूर्व हुई भारी बारिश के कारण कई पहाड़ दरक गए। सैकड़ों रास्ते बाधित हो गए हैं। ओवरब्रिज गिर जाने के कारण प्रशासन द्वारा डेल हाउसी के पास यात्रा रोक दी गई। अचानक रास्ता बंद होने के कारण 13 हजार लोग बीच राह ही फंस गए। जिनमें से 10 हजार यात्री तो भरमोर में ही अटक गए। इन लोगों में 400 से ज्यादा गुजराती भी हैं।

13 हजार फंसे, 400 गुजराती

13 हजार फंसे, 400 गुजराती

संवाददाता के अनुसार, फंसे हुए लोगों को इलाके में रात को होटल में कमरे मिलना भी मुश्किल हो गया। ऐसे में कई लोगों को कार में ही रात बितानी पड़ी। फंसने वाले गुजरात के यात्रियों में अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और जामनगर के लोग भी हैं। हालांकि, सर्वाधिक लोग वडोदरा के हैं। वडोदरा के 10 लोग बताए जा रहे हैं, जो कि 2 दिनों से फंसे हैं।

लोग बह जाने से प्रशासन ने रास्ता बंद करवा दिया

लोग बह जाने से प्रशासन ने रास्ता बंद करवा दिया

फिलहाल चंबा से मणिमहेश के बीच 13 हजार यात्री अटके हुए हैं। वडोदरा के मनोज पटेल ने बताया कि मैं अपनी पत्नी दक्षा और अन्य 8 लोगों के साथ 24 अगस्त को मणिमहेश की यात्रा के लिए निकला था। ट्रेन से 25 की दोपहर पठानकोट पहुंचने के बाद हमारा टैक्सी से 175 कि.मी. दूर मणिमहेश जाना तय हुआ था। जिसके चलते हम डेलहाउसी से चंबा होते हुए भरमोर पहुंच गए। वहां से 15 कि.मी. दूर हर्षल की तरफ जाने की सोचा रहे थे तभी रात 11 बजे बारिश शुरू हो गई। और बारिश के कारण भरमोर से 8 कि.मी. पहले एक ओवरब्रिज टूट गया। बावजूद इसके बाद कुछ लोग वहां से पैदल जाने लगे। जिसमें दो लोग बह जाने से प्रशासन ने रास्ता बंद करवा दिया।''

बारिश नहीं हुई तो पैदल यात्रा हो सकती है शुरू

बारिश नहीं हुई तो पैदल यात्रा हो सकती है शुरू

'अचानक रास्ता बंद होने के कारण कुल 13 हजार लोगों में से केवल 10 हजार यात्री भरमोर में ही अटक गए। जिनमें 400 से ज्यादा गुजराती शामिल हैं। वहां रात को होटल में कमरे मिलना भी मुश्किल हो गया था। इसलिए हमें एक रात कार में ही बितानी पड़ी। हमें बताया गया कि प्रशासन द्वारा जेसीबी की मदद से पत्थर की शिलाओं और मिट्टी के बीच पानी के तेज प्रवाह को रोेकने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है।'
'अभी तक हुए काम को देखते हुए लग रहा है कि, अगर बारिश नहीं हुई तो एकाद दिन में पैदल यात्रा शुरू हो जाएगी। लेकिन अगर बारिश होती है तो यात्रा शुरू होने में देर होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।'

कहां हैं मणिमहेश?

कहां हैं मणिमहेश?

ऐसी मान्यता हैं कि चंबा से 82 कि.मी. दूर मणिमहेश में भगवान भाेलेनाथ मणि के रूप में दर्शन देते हैं। इसलिए उसको मणिमहेश कहा जाता है। इस यात्रा को मिनी कैलास यात्रा भी माना जाता है। यहां पर कैलास के बराबर 18 हजार 500 फीट की ऊंचाई का पर्वत है। यहां के तालाब में स्नान करना शुभ माना जाता है। प्रतिवर्ष जन्माष्टमी और राधाष्टमी को यहां शाही स्नान होता है। 24 अगस्त को जन्माष्टमी का स्नान हो गया। 6 सितम्बर को दूसरा शाही स्नान होगा।

पढ़ें: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के पास बनेंगे होटल-मॉल, घर-बाड़े छिनने के ​विरोध में 5 हजार आदिवासीपढ़ें: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के पास बनेंगे होटल-मॉल, घर-बाड़े छिनने के ​विरोध में 5 हजार आदिवासी

Comments
English summary
heavy rains in Himachal: More than 13 thousand people stranded in local area
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X