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अदालत के आदेश पर हिमाचल में अनिल अंबानी की कंपनी के खिलाफ दर्ज हुई FIR

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शिमला। जाने-माने उद्योगपति रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अब उनके खिलाफ हिमाचल प्रदेश में भी कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। मामला कुल्लू के सैंज से पंजाब के लुधियाना तक ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का है। इस मामले में अनिल अंबानी के अलावा साथ पांच दूसरी कंपनियों के निदेशक मंडल(बीओडी) के सदस्यों के खिलाफ गोहर थाना में विभिन्न धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

FIR registered against anil ambani company and others

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के गोहर की सब जज वत्सला चौधरी की अदालत के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई है। गोहर के स्यांज इलाके के प्रभावितों ने मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि रिलायंस एनर्जी सहित दूसरी कंपनियों ने स्थानीय लोगों की जमीन पर जबरन बिजली टावर गाड़ दिए। घरों और गोशालाओं के ऊपर बिजली तार बिछा दिए। हरे-भरे पेड़ों को भी कटवा दिए गए। पुलिस में दर्ज मामले में रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के आठ, पार्वती कोलडैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के सात, केईएसी इंटरनेशनल के 10, टाटा पावर के 11, ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड के चार और कलपतरु लिमिटेड के 10 डायरेक्टर नामजद किए गए हैं।

एसपी मंडी गुरदेव सिंह ने कहा कि अदालत के आदेश पर इन पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र रचने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं। सीआरपीसी की धारा 156(3) सेक्शन के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। आईपीसी की कई धाराएं व पर्यावरण और भारतीय वन अधिनियम 1986 की धारा 15, 41, 42 व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा चार के तहत केस दर्ज किया गया है।

बताया जा रहा है कि जिला कुल्लू के सैंज से पंजाब के लुधियाना तक करीब 303 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई गई है। मंडी के गोहर उपमंडल के तहत बहुत से गांवों में यह लाइन बिछाई गई। कंपनियों ने प्रभावित किसानों को उनके मकानों, दुकानों, जमीनों और पशुशालाओं का मुआवजा नहीं दिया। जिलाधीश मंडी के पास भी इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। शिकायतों पर वर्ष 2017 में मजिस्ट्रेट जांच करवाई गई, जिसकी रिपोर्ट तत्कालीन एसडीएम गोहर राघव शर्मा ने उपायुक्त मंडी को सौंपी। यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा, स्यांज पंचायत के लगभग 24 प्रभावित परिवारों के किसानों ने याचिका दायर की, जिसमें सब जज गोहर वत्सला चौधरी ने आदेश जारी करते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।

वर्ष 2015 में जिला बिलासपुर के सदर थाना और बरमाना थाना में भी बिलासपुर न्यायालय के आदेश पर उक्त निजी कंपनियों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं। इसके खिलाफ निजी कंपनियों ने हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लगभग चार वर्षों तक मामला विचाराधीन रहने के बाद हाईकोर्ट ने उक्त कंपनियों की याचिका को खारिज कर एफआईआर करने के आदेश दिए थे।

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English summary
FIR registered against anil ambani company and others
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