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विदेश चंदे में हेरफेर मामले में फंसा तिब्बतियों का प्रसिद्ध बौद्ध मठ

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Shimla news, शिमला। दुनियाभर में मशहूर हिमाचल के जिला लाहौल स्पिीती में स्थित तिब्बतियों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल का बौद्ध मठ विदेशी चंदे के हिसाब-किताब में गड़बड़ के मामले में केन्द्र सरकार के राडार पर आ गया है। इससे पहले धर्मशाला में करमापा का मठ भी इस तरह के मामले में विवादों में आया था। हिमाचल प्रदेश के बौद्ध मठ में हर साल बड़ी तादाद में विदेशों से पर्यटक व श्रद्धालु आते रहते हैं और यहां विदेशों से भी चंदा आता है। आमदनी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।

Famous Buddhist monastery on radar for foreign donation himachal

सैंकड़ों साल पुराने लाहौल-स्पीति जिले के ऐतिहासिक बौद्ध मठ में धार्मिक शिक्षा की गतिविधियां चला रही सोसाइटी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दलाईलामा के गेलुग्पा सेक्ट से संबंधित इस गोंपा को तीन साल में मिले विदेशी चंदे का ब्योरा सोसाइटी ने नहीं दिया है। गृह मंत्रालय ने इसी को लेकर जवाब-तलब किया है। यह मठ चीन सीमा से सटा है।

Famous Buddhist monastery on radar for foreign donation himachal

स्पीति घाटी के काजा में स्थित इस गोंपा में धार्मिक शिक्षा और शोध का संचालन कर रही बुद्धिस्ट कल्चरल सोसाइटी ऑफ की गोंपा अब मंत्रालय से आए नोटिस पर जवाब तैयार कर रही है। इस सोसाइटी ने वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में विदेशों से आए फंड का ब्योरा नहीं दिया। नियम यह है कि जो भी संस्था फोरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत हो, उसे त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को विदेशी चंदे की जानकारी देनी होती है।

काजा से 12 कि.मी. उत्तर में स्थित, की बौद्ध मठ में बौद्ध धर्म की शिक्षा-दीक्षा होती है। इसमें वर्तमान में करीब 160 लामा अध्ययन और शोध कार्यों में जुटे हैं। यह समुद्र से 4,166 मीटर की ऊंचाई पर यह मठ घाटी के सबसे पुराने और बड़े मठों में शुमार है तथा की गाँव के उपर स्थित है । यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बंधित पुस्तकें तथा भगवान बौद्ध और अन्य देवियों की कलाकृतियाँ हैं । बौद्ध लामा यहाँ नृत्य, संगीत और वाद्य यंत्र बजाने का अभ्यास करते हैं। लामाओं को यहाँ धार्मिक प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां नैतिक आदर्शों से सम्बंधित पुस्तकें और मुखोटों का संग्रहण भी है।

यह बौद्ध मठ बौद्ध धर्म के प्रचारक द्रोमटोन ने 11वीं सदी में खोला। इस पर शकों, मंगोलों आदि ने हमले किए। यह गोंपा दुनिया में वास्तुकला का अनूठा नमूना है। दुनिया भर के पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पिछले साल ही गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर इस गोंपा की झांकी दिखाई जा चुकी है। इस मठ की देखरेख करने वाली बुद्धिस्ट कल्चरल सोसाइटी के सचिव तेनजिन छुलबिम ने माना कि उन्हें नोटिस मिला है और कहा कि हम केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले नोटिस का जवाब दे रहे हैं। विदेशों से हमें जो भी मदद मिलती है, उसका हम ऑडिट करते हैं। सब पारदर्शी तरीके से होता है। हमने सीए को जवाब देने को कहा है।

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English summary
Famous Buddhist monastery on radar for foreign donation himachal
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