हिमाचल भाजपा चीफ को चुनाव आयोग का तीसरा नोटिस, बाजू काटने की दी थी धमकी
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Shimla news, शिमला। अपनी बयानबाजी से इन दिनों सुर्खियों में रहे हिमाचल भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती पर चुनाव आयोग ने लगाम कसते हुए एक बार फिर नोटिस जारी कर दिया है। सत्ती पर यह चुनाव आयोग का तीसरा नोटिस है। सत्ती प्रदेश के पहले ऐसे नेता हैं जिन पर आयोग ने कार्रवाई की है। गुरुवार को हालांकि सत्ती शिमला में थे, व यहां पार्टी प्रत्याशी सुरेश कशयप के नामांकन में शामिल होने के बाद उन्होंने चौड़ा मैदान में भाजपा की रैली को भी संबोधित किया। इस दौरान सत्ती को चुनाव आयोग की ओर से तीसरा नोटिस जारी किया गया। सत्ती को मंडी के जिलाधीश एवं निर्वाचन अधिकारी की ओर से नोटिस दिया गया है।
सत्ती ने दी थी बाजू काटने की धमकी
मंडी में भाजपा की रैली में सत्ती ने कहा था कि जो भी भाजपा नेताओं की तरफ उंगली उठाएगा, उसकी बाजू काट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह जब भी पंजाबी में बोलते हैं तो विरोधियों के पेट में दर्द शुरू हो जाता है। सत्ती ने कहा कि पंजाबी में बातें ही वैसी होती हैं। उन्होंने आचार संहिता का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आचार संहिता नहीं लगी होती तो वह आज इसी मंच से हिसाब-किताब पूरा कर देते। इस पर कांग्रेस की ओर से आपत्ति जताई गई थी। मंडी के जिलाधीश ऋगवेद ठाकुर ने बताया कि सत्ती की ओर से दिए गए भाषण पर उन्हें नोटिस जारी किया गया, जो उनके ऊना आवास पर आज ही सौंपा जाएगा। इसके लिए डीसी ऊना अगली कार्रवाई करेंगे।
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दो बार पहले नोटिस थमा चुका है चुनाव आयोग
प्रदेश भाजपा के लिए सिरदर्द बने सत्ती को अभी दो दिन पहले ही चुनाव आयोग ने संभल कर जुबान खोलने की हिदायत दी थी। पार्टी नेतृत्व ने भी सभी नेताओं को चुनाव अभियान में संभल कर जुबान खोलने को कहा था, लेकिन सत्ती के कदम नहीं रुक रहे। इससे पहले हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सत्ती को अपने विवादित बोल के लिए दो बार चुनाव आयोग ने नोटिस थमा चुका है। आयोग ने उनके प्रचार पर 48 घंटे का बैन भी लगाया था। नालागढ़ और ऊना के अंब में सत्ती ने राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका पर टिप्पणियां की थीं। सत्ती ने सोनिया गांधी को दुर्गा और मनमोहन सिंह को शेर बताते हुए कहा कि जब दुर्गा शेर पर सवार हो जाती है तो शेर कुछ नहीं कर पाता और ऐसा ही देश ने दस सालों तक देखा।
अनिल शर्मा को बताया था गाय
वहीं, सत्ती ने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा और उनके पिता पंडित सुखराम को लेकर भी जमकर जुबानी हमले बोले थे। उन्होंने अनिल शर्मा को शरीफ बताते हुए उनकी तुलना गाय से कर डाली। सत्ती ने कहा कि अनिल शर्मा उस गाय की तरह हैं, जिसे चाहे जहां मर्जी पकड़ लो और जहां मर्जी दूध निकाल लो। सत्ती ने अनिल शर्मा के उस बयान पर भी तंज कसा, जिसमें अनिल शर्मा ने कहा कि था कि जयराम ठाकुर सीएम तो बन गए हैं, लेकिन नेता नहीं बन पाए हैं। सत्ती ने कहा कि क्या नेता बनने के लिए बिस्तर से 7 करोड़ रुपए की राशि निकलना जरूरी है और क्या 80 वर्ष की उम्र में उल्टी-सीधी कैसेट निकलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नेता बनने के लिए ईमानदारी और शराफत चाहिए, जो जयराम ठाकुर में मौजूद है।
जानबूझकर दे रहे बयान या फिर अनजाने में
सत्ती की आग उगलती जुबान को लेकर प्रदेश में अब नई बहस छिड़ गई है कि आखिर सत्ती ऐसा जानबूझकर कर रहे हैं, या फिर अनजाने में। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में ऊना से मिली हार की वजह से ही सत्ती इन दिनों आक्रामक रुख अख्तियार किए हैं, जिससे पूरी पार्टी इन दिनों सांसत में है।