मनी लॉन्ड्रिंग केस: वीरभद्र सिंह की बढ़ी मुश्किलें, 22 जनवरी से पहले कोर्ट ने किया तलब
Shimla news, शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं हैं। सोमवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने उन्हें 22 जनवरी से पहले व्यक्तिगत तौर पर अदालत में हाजिर होने को कहा है।
इस मामले में पिछली सुनवाई 10 दिसंबर को हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई 7 जनवरी को तय की थी और साथ ही उन्हें कोर्ट में पेश होने के आदेश भी दिए थे। लेकिन, सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान वीरभद्र सिंह अदालत में पेश नहीं हुए और अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 जनवरी तय की है। लेकिन उससे पहले वीरभद्र सिंह को कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा। उस दिन वीरभद्र सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ आय से अधिक अवैध तरीके से संपत्ति जमा करने के आरोप है। हालांकि उन्होंने अपनी संपत्ति को सेब के बगीचे से हुई आमदन के तौर पर दर्शाया था।
उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई भी उनसे पूछताछ कर चुकी है। ईडी की चार्जशीट में वीरभद्र के अलावा 7 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि वीरभद्र ने 28 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 और 19 जनवरी 2011 से 26 जून 2012 के दौरान केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति बनाई है। इतना ही नहीं उन्होंने इस काले धन को अन्य आरोपियों व आनंद सिंह की मदद से बीमा कंपनियों में निवेश किया। सीबीआई की शुरुआती जांच में पाया गया कि वीरभद्र ने 6.3 करोड़ रुपएकी संपत्ति बनाई है। इसके बाद ईडी ने वीरभद्र सहित उनके परिवार के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में पिछले साल 5.6 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति भी जब्त की थी।
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