शामली: सरकारी अस्पताल में प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर के लिए करना पड़ा 5 घंटे इंतजार, दर्द से कराहती रही रातभर
शामली। योगी आदित्यनाथ की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के चाहे लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ से कोसों दूर है। ताजा मामला जनपद शामली का है जहां अस्पताल के बाहर गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही लेकिन महिला चिकित्सक अस्पताल से नदारद मिली और उसे देखने तक नहीं आई। शामली में स्वास्थ्य विभाग का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन, दोषी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली के झिंझाना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां पर झिंझाना के पास के गांव की रहने वाली एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन झिंझाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर पहुंचे। स्वास्थ्य केंद्र में रात करीब 10 बजे पहुंच गए और सुबह के 3 बजे तक वह अस्पताल में तड़पती रही। परिजनों का आरोप है कि उन्हें कोई डॉक्टर नहीं मिला। वहां पर मौजूद एक महिला से परिजनों ने डॉक्टर को बुलाने की बात कही लेकिन महिला चिकित्सक नहीं पहुंची और महिला अस्पताल के बाहर ही प्रसव पीड़ा से तड़पती रही लेकिन वहां पर प्रसव पीड़िता को देखने के लिए कोई भी महिला चिकित्सक नहीं पहुंची और महिला अस्पताल के बाहर पांच घंटे तक तड़पती रही। जब मामला मीडिया में आया तब जाकर आनन-फानन में सीएमओ ने स्टाफ नर्स को भेजा जाकर कही उसका इलाज हुआ।
प्रसव पीड़िता के ससुर जोगिंदर ने बताया कि डिलीवरी कराने के लिए आए 10 बजे से यहां पड़े लेकिन कोई सुविधा नही मिली। यह कोई नही है किसे बोले कोई आया ही नही। रात 10 बजे से पड़े है और अब 3.30 बज चुके है अब तक तो कोई आया नही।
ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला सामने आया हो। इससे पहले भी स्वास्थ्य विभाग के कई मामले आ चुके हैं और अभी करीब 2 हफ्ते पहले 108 एंबुलेंस ना मिलने के कारण कुछ लोग मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे थे जहां पर उसे बिना इलाज किए ही हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया था। तो वहीं एक हफ्ता पहले हुए सड़क हादसे में एक युवक घायल हो गया था जिसे अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची थी और युवक ने दम तोड़ दिया था।
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