शामली में साजिश के तहत लिखा गया 'मकान बिकाऊ है', पुलिस ने बताई ये वजह
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शामली। मोमोज खाने को लेकर हुए विवाद में पुलिस द्वारा एक विशेष समुदाय के खिलाफ बर्बरता पूर्ण व्यवहार करने के विरोध में एक विशेष समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर मकान बिकाऊ है लिख दिया था और वह मकान बेचकर पलायन करने की तैयारी कर रहे थे। इस मामले में एसपी शामली और डीएम ने बताया कि मुकदमे की विवेचना से बचने के लिए लोगों ने यह षड्यंत्र रचा और उसी के तहत अपने घरों पर मकान बिकाऊ लिखा। वहीं, पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने खुद से मकान बिकाऊ है लिखा हुआ मिटाया है। उन्होंने अपने से नहीं मिटाया, जबकि वह अभी भी अपने आप को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं और अभी भी पलायन की बात कह रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 6 जून को मोमोज खाने को लेकर दो पक्षों में सदर कोतवाली क्षेत्र के अयोध्या चौक पर विवाद हो गया था। पुलिस ने एक विशेष समुदाय के 8 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और बाकी 25 लोग अज्ञात किए गए थे। एक विशेष समुदाय के लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है और वह हिंदू संगठनों के दबाव में कार्रवाई कर रही है, जिसमें एक विशेष समुदाय के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है, जबकि दूसरे लोगों को पुलिस हिंदू संगठन के दबाव में बचा रही है। विशेष समुदाय के लोगों का यह भी आरोप था कि पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है और दिन रात उनके यहां आती है। उनके दरवाजे खिड़की सब तोड़ दिए हैं, जिसके बाद उन्होंने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर अपने मकानों पर बिकाऊ है लिख दिया गया। लोगों का कहना है कि जब उनकी सुनवाई नहीं हो रही है तो वहां रहकर आखिर क्या करें। इसलिए वह पलायन होने की बात कह रहे हैं।
पुलिस पर धमकाने का आरोप
विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि उनके यहां पुलिस वाले आए और जबरन उन्हें डरा धमका दिया और खुद ही उनके मकान पर लिखा 'मकान बिकाऊ है' मिटा कर चले गए। इस बात का एक विशेष समुदाय ने वीडियो भी जारी किया है, जिसमें पुलिस वाले मौजूद हैं और एक युवक पुलिस के इशारे पर 'मकान बिकाऊ है' लिखा हुआ मिटा रहा है। इस पूरे मामले में एसपी शामली व डीएम अखिलेश सिंह ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि 6 जून को दो पक्षों में जो झगड़ा हुआ था उसी की विवेचना से बचने के लिए यह लोग षड्यंत्र रच रहे हैं और उसी षड्यंत्र के तहत उन्होंने मकान पर 'मकान बिकाऊ है' लिखा था, जिसको की इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस बल को भेजकर उन्हें समझा-बुझाकर उनसे मिटवा दिया गया है।
जेल भेजे गए 11 लोग
एसपी शामली अजय कुमार ने बताया कि 6 जून को शामली में मोमोज प्रकरण को लेकर मारपीट का मामला सामने आया था जिसमें पुलिस के हाथ से एक आरोपी को कुछ लोगों द्वारा छुड़ाकर ले गए थे। प्रकरण में दो मुकदमे दर्ज किए गए, जिसमें से एक मुकदमे में 3 लोग और दूसरे मुकदमे में 10 लोग शामिल थे। विवेचना के दौरान 6 लोग निर्दोष पाए गए, जिनके नाम निकाल दिए गए और वीडियो के आधार पर 7 लोगों को नाम दर्ज किया गया। इसमें से 11 लोग जेल जा चुके हैं और 1 आरोपी अभी भी फरार चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा कोई ऐसी शरारत करता है या दोबारा लिखता है तो उसपर माहौल खराब करने को लेकर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।