शामली: रेप पीड़िताओं को टेस्ट के लिए जाना पड़ता है 22 किलोमीटर दूर
Shamli news, शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में रेप पीड़िताओं के लिए जिला मुख्यालय पर डॉक्टरी परीक्षण की सुविधा तक नहीं है। जांच के लिए आने वाली सभी पीड़िताओं को डॉक्टरी के लिए शामली से 22 किलोमीटर की दूरी पर जाना पड़ता है। ऐसे में जहां रेप पीड़िता और उसके परिजनों की फजीहत होती है तो वहीं समय भी ज्यादा लगता है।
नाबालिग से रेप की कोशिश
ताजा मामला शामली सदर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां पर गांव के ही एक अधेड़ ने भट्टे से लौट रही एक नाबालिक युवती से रेप की कोशिश की। पीड़िता के परिजन उसको लेकर शामली सदर कोतवाली पहुंचे और पूरे घटना की जानकारी पुलिस को दी। पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया गया, जब पीड़िता मेडिकल परीक्षण के लिए शामली के जिला चिकित्सालय पहुंची तो वहां पर पता चला कि यहां पर मेडिकल परीक्षण के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं है और मेडिकल परीक्षण कराने के लिए 22 किलोमीटर दूर उन जाना पड़ेगा।
पुलिस ने कहा- खुद गाड़ी बुक कर लो
पुलिस ने पीड़िता के परिजनों को कहा कि एक गाड़ी किराए पर बुक करके ले आओ। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने खुद ही एक गाड़ी किराए पर ली और जांच के लिए गए। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि बच्ची के साथ रेप की कोशिश हुई है। वह जांच कराने के लिए शामली जिला चिकित्सालय में गए थे, लेकिन यहां पर मेडिकल परीक्षण के लिए कोई डॉक्टर नहीं नहीं मिली।
क्या बोले सीएमओ?
इस पूरे मामले पर सीएमओ शामली संजय भटनागर ने बताया कि रेप पीड़ित जैसी महिलाओं का डॉक्टरी परीक्षण करने के लिए 55 साल तक की उम्र की डॉक्टर की जरूरत पड़ती है और वह एमबीबीएस भी होने चाहिए। जिले में एक ही डॉक्टर एमबीबीएस है, जोकि पिंडोरा पीएचसी पर तैनात है। वह वहां पर पीएचसी में आने वाले मरीजों का इलाज भी करती है और मेडिकल परीक्षण के लिए भी 24 घंटे तैयार रहती है। फिलहाल, एमबीबीएस एक ही डॉक्टर है। पहले दो महिला डॉक्टर थीं, जिनमें से एक मेटरनिटी लीव पर चली गई है और जो दूसरी पीजी के लिए चली गई है। उम्मीद है कि अब हमारे पास और डॉक्टर आ जाने चाहिएं, क्योंकि 3 साल से लोक सेवा आयोग से कोई नियुक्ति नहीं हुई है। इस कारण भी हमें डॉक्टर नहीं मिल पा रहे हैं।