SIT की पूछताछ में स्वामी चिन्मयानंद ने स्वीकारी तेल-मालिश की बात, बोले- मैं शर्मिंदा हूं
शाहजहांपुर। यौन शोषण के आरोपों में घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी की टीम ने उन्हें उनके आश्रम से गिरफ्तार किया है। वहीं, एसआईटी की पूछताछ में स्वामी चिन्मयानंद ने तेल मालिश, अश्लील बातचीत को स्वीकार कर लिया है। आरोप कबूल करने के बाद स्वामी ने कहा कि वह अपने किए पर शर्मिंदा हैं।
पूछताछ में कबूला जुर्म
स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी है। मीडिया से बात करते हुए एसआईटी प्रभारी आईजी नवीन अरोरा ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद ने पूछताछ में तेल मालिश, पीड़िता अश्लील बाते करना लगभग सभी आरोपों को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते क्योंकि वह अपने इन कार्यों से शर्मिंदा हैं। इससे पहले एसआईटी की टीम स्वामी चिन्मयानंद को सुबह ट्रामा सेंटर ले गई थी। ट्रामा सेंटर में स्वामी को दिखाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। स्थानीय अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ धारा 376 सी, 354डी, 342, और 506 के तहत केस दर्ज कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
SIT जांच पर नहीं है भरोसा
गौरतलब है कि इससे पहले 17 सितंबर को छात्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस और एसआईटी के काम पर सवाल उठाया था। उसने कहा था कि पुलिस अब भी स्वामी चिन्मयानंद पर कार्रवाई नहीं कर रही है। पीड़ित छात्रा का कहना है कि अब उसे एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं रहा है, क्योंकि 164 के बयान दर्ज कराने के 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन अभी तक स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ित का कहना है कि एसआईटी की टीम कल से उन्हें कुछ बता नहीं रही है साथ ही फोन भी नहीं उठा रही है।
क्या है पूरा मामला?
23 अगस्त को शाहजहांपुर से लॉ की छात्रा लापता हो गई थी। इसके एक दिन बाद लड़की ने सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट कर बताया था कि संत समुदाय का एक प्रभावशाली नेता उसे परेशान कर रहा है और मारने की धमकी दे रहा है। छात्रा के पिता ने बाद में चिन्मयानंद पर उनकी बेटी और अन्य छात्राओं के शोषण का आरोप लगाया था। 27 अगस्त को लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 364(अपहरण या हत्या के लिए अपहरण) और धारा 506(आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया था। 30 अगस्त को राजस्थान में लॉ स्टूडेंट का पता चला और बाद में उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी शिकायतों के आधार पर यूपी सरकार को एसाआईटी का गठन करने का आदेश दिया।
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