सात साल पुराने रेप के मामले में बढ़ी स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें, 13 दिसंबर को होगी सुनवाई
शाहजहांपुर। जेल में बंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दरअसल, स्वामी चिन्मयानंद की पूर्व शिष्या और कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्या से रेप के सात साल पुराने में कोर्ट 13 दिसंबर को सुनवाई करेगी। बता दें कि यह केस वर्ष 2012 में शाहजहांपुर सदर कोतवाली में दर्ज किया गया था। फिलहाल चिन्मयानंद लॉ छात्रा के यौन शोषण मामले में जेल में बंद हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2012 में आरोप पत्र दाखिल होने के बावजूद मामला कोर्ट में लंबित था। पीड़ित के वकील मुकेश कुमार गुप्ता ने मीडिया को बताया कि 24 मई 2018 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में प्रदेश की योगी सरकार ने चिन्मयानंद पर चल रहे बलात्कार के मुकदमे को वापस लेने का प्रार्थना पत्र भेजा गया। लेकिन पीड़िता द्वारा आपत्ति दाखिल करने के बाद कोर्ट ने सरकार को मामला वापस लेने की अनुमति नहीं दी। साथ ही चिन्मयानंद के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी कर दिया गया था। पीड़िता के वकील ने कहा कि अब मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए (स्पेशल कोर्ट) में होगी।
13
दिसंबर
मुकदमे
की
तारीख
पीड़िता
के
वकील
ने
बताया
कि
एमपी-एमएलए
स्पेशल
कोर्ट
के
अपर
जिला
जज
तृतीय
नरेंद्र
कुमार
पांडे
ने
स्वामी
चिन्मयानंद
दुष्कर्म
के
इस
मुकदमे
में
13
दिसंबर
को
सुनवाई
की
तिथि
तय
की
है।
इसके
बाद
अब
चिन्मयानंद
की
मुश्किलें
काफी
बढ़
गई
हैं।
यदि
स्थगन
आदेश
खत्म
हो
गया
होगा
तो
फिर
चिन्मयानंद
का
गिरफ्तारी
वारंट
जारी
हो
सकता
है,
क्योंकि
चिन्मयानंद
अभी
तक
इस
दुष्कर्म
मामले
में
न
तो
अदालत
के
सम्मुख
उपस्थित
हुए
और
न
ही
जमानत
ही
कराई
है।
क्या है मामला
बता दें कि पीड़िता ने 2012 में चिन्मयानंद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने शाहजहांपुर स्थित मुमुक्षु आश्रम में उसे 2005 से बंदी बनाकर रखा था। पीड़िता ने दावा किया था कि उसे मारा-पीटा गया था और उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि उसे दो बार गर्भपात भी कराना पड़ा था।