स्वामी चिन्मयानंद पर SIT ने कसा शिकंजा, आश्रम सीज करने के साथ कहीं भी जाने पर लगाई रोक
शाहजहांपुर। यौन शोषण के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद से एसआईटी ने गुरुवार को पूछताछ की है। पूछताछ के बाद शुक्रवार को स्वामी चिन्मयानंद पर कार्रवाई करते हुए उनके आश्रम को सीज कर दिया है। साथ ही चिन्मयानंद को बिना अनुमति के कहीं भी जाने पर रोक लगा दी है। ये कार्रवाई छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों और तेल मालिश कराते हुए वायरल वीडियो वायरल होने के बाद हुई है।
23 तारीख को SIT कोर्ट में पेश करेगी जांच रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी की टीम आई.जी नवीन अरोड़ा की देख रेख में पिछले कई दिनों से शाहजहांपुर में डेरा डाले हुए है। बता दें कि अभी तक जांच में एसआईटी की टीम ने कई लोगों से पूछताछ की है और कई अहम सबूत भी जुटाये है। जांच टीम ने लोकल पुलिस से भी अभी तक के केस की अपडेट ली। साथ ही पीड़ित छात्रा और उसके परिवार से भी कई घंटों तक अलग-अलग पूछताछ कर चुकी है। वहीं, पीड़िता के साथ राजस्थान में मिले दोस्त से भी एसआईटी ने पूछताछ की थी। बता दें कि एसआईटी 23 तारीख को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी।
'छात्रा के पिता ने सबूत गायब होने का लगाया आरोप'
वहीं, इस मामले में सोमवार को गठित स्पेशल इंवेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) ने लॉ स्टूटेंड और उसके पिता की मौजूदगी में हॉस्टल का रुम खोला, जहां वो रहती थी। लड़की के आरोपों के बाद ये कमरा सील कर दिया गया था। लॉ स्टूटेंड के पिता ने आरोप लगाया कि मेरी बेटी ने 2 चश्मों में लगे खुफिया कैमरे से वीडियो बनाया था। पिछले महीने लापता होने से पहले उसने दोनों चश्में हॉस्टल के रुम में ही रखे थे। सोमवार को हॉस्टल का रुम खोलने पर वो नहीं मिले। मैंने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी को लैटर लिखा है, क्योंकि सबूतों से छेड़छाड़ की गई है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 23 अगस्त को शाहजहांपुर से लॉ की छात्रा लापता हो गई थी। इसके एक दिन बाद लड़की ने सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट कर बताया था कि संत समुदाय का एक प्रभावशाली नेता उसे परेशान कर रहा है और मारने की धमकी दे रहा है। छात्रा के पिता ने बाद में चिन्मयानंद पर उनकी बेटी और अन्य छात्राओं के शोषण का आरोप लगाया था। 27 अगस्त को लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 364(अपहरण या हत्या के लिए अपहरण) और धारा 506(आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया था। 30 अगस्त को राजस्थान में लॉ स्टूडेंट का पता चला और बाद में उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी शिकायतों के आधार पर यूपी सरकार को एसाआईटी का गठन करने का आदेश दिया।
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