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बेटे की लाश को लेकर मां अस्पताल के चक्कर लगाती रही, घर जाने के लिए नहीं थे पैसे

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Shahjahanpur news, शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर में जिला अस्पताल में इलाज के दौरान 9 साल के बच्चे की मौत के बाद गरीब परिवार को शव वाहन देने के बजाए उसको अस्पताल से निकाल दिया गया। इतना ही नहीं पैसे न होने पर मां अपने बेटे की लाश को गोद में लेकर कभी अस्पताल गेट के चक्कर लगाती तो कभी बीच रोड पर बैठ जाती। हालांकि इंसानियत जिंदा है ये वहां पर खड़े आसपास लोगों ने साबित कर दिया। क्योंकि सवारी के लिए पैसे न होने पर आसपास खड़े लोगों ने चंदा इकट्ठा कर गरीब मां को दिए उसके बाद मां बेटे की लाश को ऑटो से लेकर घर गई। आपको बता दें ये उस अस्पताल की करतूत है जिसको सरकार मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए काफी तेजी से काम कर रही है।

9 साल के बेटे ने अस्पताल में तोड़ा दम

9 साल के बेटे ने अस्पताल में तोड़ा दम

दरअसल सरकार से लेकर स्वास्थ विभाग के लिए ये शर्मनाक तस्वीरें हैं। यहां थाना सदर बाजार के ईदगाह मोहल्ला निवासी शकील मेनहत मजदूरी करके पत्नी और चार बच्चो का पेट पालता है। शकील का 9 साल बेटा अफरोज कुछ दिन से बिमार था। उसको बुखार हो रहा था। उन्होंने बेटे को जिला अस्पताल मे भर्ती कराया। लेकिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। शाम तक इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। खास बात ये है कि स्ट्रेचर पर बेटे की लाश पड़ी थी और परिवार के पास किराए के लिए पैसे तक नहीं थे। जब मृतक के माता-पिता ने ट्रामा सेंटर मे मौजूद कर्मचारियों और डॉक्टर से सवारी का इंतजाम करने की गुहार लगाई। उस वक्त अस्पताल के बाहर शव वाहन भी खड़ा था। लेकिन ट्रामा सेंटर में वाहन देने से मना कर दिया। इतना ही नहीं मृतक के पिता का कहना है कि जब उसने एंबुलेंस की व्यवस्था कराने की बात की तो ट्रामा सेंटर के कर्मचारियों ने उसे वहां से निकाल दिया।

मां-बेटे को देखकर लोगों को आ गई दया

मां-बेटे को देखकर लोगों को आ गई दया

आप तस्वीरों में देख सकते है कि कैसे मजबूर मां अपने बेटे की लाश को गोदी में लेकर जा रही है। मां जब लाश गोदी मे लिए थक जाती तो वह जमीन पर बैठ जाती। जब भीड़ को अस्पताल की करतूत के बारे पता चला तो सभी लोग अस्पताल को कोसने लगे और तभी भीड़ से एक शख्स शहजाद नाम का शख्स बाहर आया और उसने माता-पिता की मजबूरी देख 1500 सौ रुपये की मदद की ऑटो का किराया दिया। उसके बाद कई लोग आगे आए और उन्होंने चंदा इकट्ठा करके मजबूर गरीब माता-पिता को दिया। उसके बाद परिवार बेटे की लाश लेकर ऑटो से अपने घर के लिए चले गए।

लोगों ने किया चंदा इकट्ठा

लोगों ने किया चंदा इकट्ठा

ईएमओ डाक्टर अनुराग पाराशर कहना है कि बच्चा अस्पताल में भर्ती था। हालत ज्यादा खराब थी। बच्चे के माता-पिता ने बच्चे को रेफर करने की बात करके रेफर करा लिया। मीडिया से जानकारी हुई है कि उसकी रास्ते में मौत हो गई। उसके बाद बच्चे का परिवार हमारे पास नहीं आया।

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English summary
mother had no money to take her son body from hospital
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