चिन्मयानंद ने 75 लाख का फ्लैट और कार नहीं दी, इसलिए बना वीडियो: SIT की चार्जशीट में खुलासे
शाहजहांपुर। चिन्मयानंद केस में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने विवेचना पूरी कर चार्जशीट कोर्ट को सौंप दी। जांच-पड़ताल में एसआईटी ने कुछ नए खुलासे किए। यह खुलासे रंगदारी मांगने के मुख्य आरोपी संजय सिंह से हुई पूछताछ के बाद किए गए। एसआईटी ने बताया कि संजय सिंह ने कहा है कि चिन्मयानंद उस लॉ स्टूडेंट का यौन शोषण करता था। वह उससे महंगी डिमांड करने लगी। उसने चिन्मयानंद से 75 लाख रुपये का फ्लैट और एक कार मांगी। चिन्मयानंद मुकर गया, तो उसने वीडियो बनाकर सबक सिखाने की सोची। वह ऑनलाइन खरीदा हुआ खास चश्मा पहनकर उसके पास आई, जिसमें हिडन कैमरा था। चिन्मयानंद ने कपड़े उतारे और फिर जो हुआ, सब कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। वह वीडियो लॉ स्टूडेंट ने अपने पास रख लिया। उसने अपने साथियों को वह दिखाया, धीरे-धीरे और लोगों को भी पता चल गया। उसके बाद सबने फ्लैट और कार से आगे बढ़कर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी का प्लान बनाया।''
एसआईटी से पूछताछ में रंगदारी के आरोपी ने यह बातें भी बताईं
संजय ने आगे कहा, ''उस लॉ स्टूडेंट ने मुझे कहा कि किसी मीडिया वाले को बुलाकर चिन्मयानंद की पोल खोलेंगे। तब मैंने अपने चचेरे भाई विक्रम की मदद ली। विक्रम ने अपने मौसेरे भाई सचिन को मीडियाकर्मी बना कर चिन्मयानंद के पास भेजा था। सचिन की वॉट्सऐप पर चिन्मयानंद से चैटिंग होती थीं। वह चिन्मयानंद से जा मिला था। जब हम लोग हिमाचल गए, दिल्ली में रहे और भी जो कुछ किया.. वो सब चिन्मयानंद को पता चल रहा था। सचिन ही उसे बता रहा था, क्योंकि वह चिन्मयानंद का मुखबिर बन गया था। हम लोगों को छोड़कर वह अपनी सेटिंग कर रहा था।''
लॉ स्टूडेंट ने चिन्मयानंद के कुकर्मों का वीडियो रिकॉर्ड किया था
चिन्मयानंद को उसके कुकर्मों का वीडियो दिखाकर रंगदारी मांगी जाने लगी। इस मामले में चिन्मयानंद पक्ष का कहना है कि रंगदारी मांगने के मामले में उस लॉ-स्टूडेंट समेत चारों आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा मिले। बता दें कि, चिन्मयानंद को जेल होने के बाद छात्रा को भी जेल हो गई थी। 22 अक्टूबर को लॉ स्टूडेंट की जमानत से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पिछले दिनों जमानत अर्जी भी डाली गई थी, जिसे 14 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने एडमिट कर लिया था। जिसके बाद सुनवाई के लिए 22 अक्तूबर की तिथि निश्चित की गई थी।
छात्रा पर 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप
चिन्मयानंद के पक्ष की ओर से उस लॉ स्टूडेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसने चिन्मयानंद पर कई साल तक जबरन यौन संबंध बनाने के आरोप लगाए थे। चिन्मयानंद पक्ष ने रेप के आरोप तो नकार दिए, उल्टे लॉ स्टूडेंट पर ही चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये मांगने के आरोप लगा दिए। इस मामले में उक्त लॉ स्टूडेंट, उसके साथी संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर नामजद हैं। सभी लोगों को जेल हो गई।
25 सितंबर को गिरफ्तार की गई थी लॉ स्टूडेंट
एलएलएम की वह लॉ स्टूडेंट 25 सितंबर को गिरफ्तार हुई थी, उसकी जमानत पहले सीजेएम कोर्ट से बाद में जिला जज कोर्ट से खारिज कर दी गई थी। इसी तरह से संजय, विक्रम, सचिन की भी जमानत खारिज हो गई। इस मामले में लॉ स्टूडेंट के वकील अलग थे, बाकी तीनों साथी के अलग वकील थे।
चिन्मयानंद के वकील ने लॉ स्टूडेंट को ही दोषी बताया
वहीं,
जेल
में
बद
चिन्मयानंद
के
वकील
ने
उक्त
लॉ
स्टूडेंट
को
ही
मुख्य
आरोपी
बताया।
चिन्मयानंद
के
वकील
ओम
सिंह
का
कहना
है
कि
लॉ
स्टूडेंट
ने
अपनी
गैंग
बनाकर
चिन्मयानंद
को
फंसाया।
चिन्मयानंद
को
बदनाम
करने
की
साजिश
रची।
चिन्मयानंद
निर्दोष
हैं,
दोषी
तो
वो
लॉ
स्टूडेंट
है।
उस
पर
गैंगस्टर
वाली
धारा
लगनी
चाहिए।''
ओम
सिंह
यहीं
नहीं
रुके,
उन्होंंने
चिन्मयानंद
का
पक्ष
लेते
हुए
कहा
कि
लॉ
स्टूडेंट
का
साथ
मीडिया
ने
दिया,
जिसकी
वजह
से
बुजुर्ग
स्वामी
को
जेल
में
पहुंचा
दिया
गया।
कहा- फोटो देखकर नहीं लगता कि उसका रेप हुआ
बकौल ओम सिंह, ''उक्त लॉ स्टूडेंट ने एक साल तक यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप चिन्मयानंद पर लगाया है। मगर, उस एक साल में वह खुश होकर सब जगह घूमती रही है। उसने नैनीताल के भी अपने कुछ फोटो फेसबुक पर अपलोड किए हैं। इन फोटो को देखकर नहीं लगता कि लॉ स्टूडेंट का यौन उत्पीड़न हुआ है। क्या वह पीड़ित है? नहीं, वह तो मुख्य आरोपी है। अब उसका जो वीडियो वायरल हुआ है, उससे साफ हो गया है कि उसने चिन्मयानंद को फंसाया है।''
एसआईटी ने ऐसे लिया था हिरासत में
चिन्मयानंद को जेल होने के बाद लॉ स्टूडेंट को भी पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। बाद में एसआईटी ने लॉ स्टूडेंट को जेल भेज दिया। सोशल मीडिया पर लॉ स्टूडेंट का कार के अंदर रंगदारी की बात कबूलते हुए एक वीडियो भी सामने आया। जिस पर चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने प्रतिक्रिया दी है।