MP शफीकुर्रहमान बर्क ने कोविड पर दिया विवादित बयान, कहा- 'अल्लाह के सामने रोकर-गिड़गिड़ाकर मांगनी होगी माफी'
संभल, जून 04: कोविड संक्रमण को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान दिया है। अपने इस बयान के कारण वो एक बार फिर चर्चाओं में आ गए है। दरअसल, सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि कोरोना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि सरकार की गलतियों की वजह से आजादे इलाही है। जो अल्लाह के सामने रोकर-गिड़गिड़ाकर माफी मांगने से ही खत्म होगा।
समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण चर्चाओं में रहते है। बर्क ने कोरोना को लेकर पिछले साल भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि, 'कोरोना कोई बीमारी नहीं है। अगर कोरोना बीमारी होती तो दुनिया में इसका इलाज भी होता। यह तो सरकार की गलतियों की वजह से अजादे इलाही है, जिसका खात्मा अल्लाह के सामने रोकर गिड़गिड़ाकर अपनी गलतियों की माफी मांगने के साथ ही दुआ करने से ही हो सकता है।'
बर्क ने कहा, 'हमने मुस्लिमों के लिए मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज पढ़ने और दुआ करने के लिए सरकार से मांग भी की थी। लेकिन सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी। इन गलतियों की वजह से आज तमाम आसमानी आफतें सामने हैं।' वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने शरीयत से ही छेड़छाड़ की गलती ही नहीं की है बल्कि लड़कियों को पकड़वा कर रेप करवाने, मॉब लिंचिंग और तमाम जुल्म ज्यादतियां करने की गलती की है।
आपको बता दें कि इससे पहले मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन ने कोरोना संक्रमण और बीते दिनों आए तूफान को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि ये सब प्राकृतिक आपदाएं हमारे देश में इसलिए आ रही हैं क्योंकि बीजेपी सरकार ने शरियत में दखल अंदाजी की है। सपा सांसद ने कहा कि सीएए और एनआरसी कानूनों के जरिए मुसलमानों को निशाना बनाया गया। पिछले सात साल में सरकार ने सिर्फ धार्मिक भेदभाव पैदा करने वाले कानून बनाए। सरकार की नाइंसाफी की वजह से महामारी और दो बार तूफान आ चुके हैं। अगर जमीन वाले इंसाफ नहीं करते हैं तो फिर आसमान वाला इंसाफ करता है।