यूपी: नसीरुद्दीन शाह के बयान पर बोले उलेमा, कहा- सरकार गंभीरता से निकाले इसका समाधान
Saharanpur News,(सहारनपुर)। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में क्या भीड़तंत्र इस कदर हावी हो गया है कि अब यहां पर रहने वालों में दहशत का माहौल है। क्या सच में यहां पर इंसान की जान से ज्यादा जानवर की जान कीमती हो गई है। फिल्म अभिनेता नसरुद्दीन शाह के बयान ने इन सब मुद्दों को बेहद गर्मा दिया है। वहीं, इस मामले में उलेमाओं का कहना है कि पद्मभूषण से सम्मानित व्यक्ति के बयान को सरकार द्वारा गम्भीरता से लेना चाहिए और जो लोग देश में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
पद्मभूषण, पदम श्री समेत अन्य राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित अभिनेता नसरुद्दीन शाह ने यूट्यूब के पेज 'कारवां ए मोहब्बत इंडिया' पर अपनी वीडियो जारी करते हुए देश के वर्तमान हालात पर सवाल उठाएं हैं। अभिनेता ने अपनी संतानों के भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कुछ लोगों को कानून हाथ में लेने की छूट दे दी गई है। गाय के नाम पर हो रही हिंसा, मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने यह तक कह डाला कि अब इस जिन्न को वापस बोतल में डालना बहुत मुश्किल हो गया है। शाह के इस वीडियों ने देश के माहौल को अचानक गर्मा दिया है और अभिनेता के समर्थन और विरोध का सिलसिला शुरू हो गया है।
राजनीति का हिस्सा बन चुकी इस वीडियों पर दारुल उलूम देवबंद ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हालांकि तंजीम उलेमा ए हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने दो टूक कहा कि इससे पहले देश के एक और नामचीन अभिनेता आमिर खान भी इसी तरह का ब्यान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ मजहबी तबके से जुड़े लोग इस घुटन को महसूस कर रहे थे, लेकिन अब बात इतनी बढ़ चुकी है कि लिबरल तबके के लोग भी यह महसूस करने लगे हैं। सरकार को समय रहते इस ओर जरूर ध्यान देना चाहिए। कहा कि साजिश के तहत देश का माहौल खराब करने और संप्रदाय विशेष के दिल में डर बैठाने की कोशिशें की जा रही हैं।
जमीयत उलेमा ए हिंद के कोषाध्यक्ष मौलाना हसीब सिद्दीकी ने कहा कि अल्लाह ने दुनिया में इंसान को सर्वोपरी बनाकर भेजा है। देश में ऐसे हालात बन चुके हैं कि इंसान की जान से ज्यादा जानवर की जान को अहमियत दी जा रही है। उन्होंने कभी गांव तो कभी किसी अन्य नाम पर देश के लोकतंत्र पर हावी हो रहे भीड़तंत्र को बेहद गम्भीर बताते हुए कहा कि संसार इंसान के वजूद से ही कायम है। अगर इंसान और इंसानियत नष्ट हो गई तो संसार को तबाह होने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने सरकार से देश के हालात के प्रति गंभीर होने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को भीड़तंत्र से नष्ट करने का प्रयास करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की।