जमीयत के अधिवेशन में कॉमन सिविल कोड पर प्रस्ताव, असद मदनी बोले- कितना कुछ सहने के बावजूद हम चुप हैं
सहारनपुर, 29 मई: देवबंद में जमीयत के अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को कॉमन सिविल कोड पर प्रस्ताव रखा गया। इस दौरान मौलानाओं ने कहा कि कॉमन सिविल कोड किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है। मौलाना असद मदनी ने कहा, कितना कुछ सहने के बावजूद हम चुप हैं। यह हमारे सब्र का इम्तिहान है। उन्होंने कहा कि यदि हमारा खाना, पहनना नहीं पसंद तो हमारे साथ मत रहो, कहीं और चले जाओ।

इस्लामोफोबिया को रोकने के लिए प्रस्ताव व सुझाव
बता दें, अधिवेशन के पहले दिन देश में नफरत के बढ़ते हुए दुष्प्रचार को रोकने के उपायों पर विचार किए जाने और इस्लामोफोबिया की रोकथाम के विषय में प्रस्ताव व सुझाव प्रतिनिधियों के सामने रखा गया। सद्भावना मंच को मजबूत करने पर विचार संबंधी प्रस्ताव रखा गया।
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ये रखे गए प्रस्ताव, आज लगेगी मुहर
इस प्रस्ताव के तहत विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के लोगों की संयुक्त बैठक करना, आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करना, मजदूर भाइयों, किसानों और पिछड़े लोगों की सेवा करना, अनाथ, विधवाओं और मजबूर लोगों की मदद करना, नवयुवकों को नशे की आदत और यौन भटकाव से बचाने के लिए मिलजुलकर प्रयास करना, संवेदनशील धार्मिक मुद्दों (जैसे गोरक्षा, धर्मस्थलों में लाउडस्पीकर का उपयोग, त्योहारों के मौके पर सार्वजनिक जगहों का इस्तेमाल) आदि की समस्या कहीं हो तो उसका शांतिपूर्ण समाधान खोजना आदि सुझाव पेश किए गए। इस सभी सुझावों पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इस प्रस्तावों पर आज यानि रविवार को अंतिम चरण के अधिवेशन में मुहर लगेगी। जमीयत के अधिवेशन में ज्ञानवापी मस्जिद, श्री कृष्ण जन्मभूमि सहित अन्य धार्मिक स्थलों, वर्तमान देश के हालात सहित अन्य मुद्दे पर चर्चा के बाद प्रस्ताव पास किया जा सकता है। अधिवेशन के दूसरे या तीसरे चरण में इनको लेकर अहम निर्णय लेने की संभावना है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अधिवेशन में सांप्रदायिक माहौल खराब करने वालों की जमकर आलोचना की गई। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मुस्लिमों को देश छोड़कर पाकिस्तान चले जाने की सलाह देने वालों पर जमकर निशाना साधा।