सहारनपुर की हर्षिता अब अमेरिका की एमआइटी से करेंगी ग्रेजुएशन
सहारनपुर। छोटी सी उम्र में एप की दुनिया में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा चुकीं हर्षिता अरोड़ा अब अमेरिका में स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी कि एमआइटी विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करेंगी। हालांकि उनकी पढ़ाई केवल कक्षा 8 तक ही है। 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने पढ़ाई छोड़कर आइटी को अपना लक्ष्य बनाया।
एप से पूरी दुनिया में हुईं फेमस
सहारनपुर की रहने वाली हर्षिता उस वक्त पूरी दुनिया में छा गईं जब उनका बनाया हुआ एप चर्चा का विषय बन गया। उस वक्त उनकी उम्र 16 साल थी। कक्षा आठ की पढ़ाई छोड़कर बैठी हर्षिता ने एप्पल स्टोर के लिए एक ऐसी यूजफुल ऐप बनाई, जो अमेरिका और कनाडा में तेजी से पॉपुलर हुआ। हर्षिता ने आईओएस सिस्टम पर क्रिप्टो करेंसी प्राइस टैकर एप्लीकेशन बनाई, जो पेड ऐप है।
16 वर्ष की उम्र में बनाई पहचान
ये ऐप दुनियाभर की क्रिप्टोकरेंसी के मूल्यों में हो रहे उतार-चढ़ाव का रियल टाइम स्टेटस बताती है। अमेरिका और कनाडा में इस ऐप को शीर्ष स्थान दिया गया। जिस उम्र में बच्चे स्कूल पढ़ाई और एग्जाम के चक्करों में उलझे रह जाते हैं। उस उम्र में चंद्र नगर निवासी रविंद सिंह की पुत्री हर्षिता अरोड़ा ने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर तकनीक की पढ़ाई कर महज 16 वर्ष की उम्र में एक विशेष एप्लीकेशन बनाकर विश्व पटल में अपनी पहचान बनाई।
क्रिप्टो करेंसी प्राइस टैकर एप्लीकेशन बनाई
हर्षिता अरोड़ा के पिता रविंद्र सिंह अरोड़ा ऑटो फाइनेंसर व माता जसविंद्र कौर गृहिणी व दादा पीएस अरोड़ा व दादी हरबंस कौर हैं। हर्षिता अरोड़ा ने एप्पल आईओएस सिस्टम पर क्रिप्टो करेंसी प्राइस टैकर एप्लीकेशन बनाई। ये ऐप विदेश में काफी पॉपुलर है और अभी तक बहुत ज्यादा पेड डाउनलोड हो चुके हैं।
इंटर्नशिप करने बैंगलुरु चली गई
हर्षिता की सोच बाकी बच्चों से अलग रही है। उन्होंने प्राइमरी एथेनिया, उसके बाद पाइनहॉल व आठवीं तक पाइनवुड तक पढ़ाई की। हर्षिता ने ऐप डेवलपर बनने के लिए 15 वर्ष से ही हार्डवर्क शुरू कर दिया था। 2016 में, उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से एमआईटी लॉन्च में भाग लिया। हर्षिता ने बताया, एक दिन फेसबुक पर उसे सेल्सफोर्स के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद वह सेल्सफोर्स में इंटर्नशिप करने बैंगलुरु चली गई।