सहारनपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रसीद मसूद की तेरहवीं पर उलेमाओं ने जताया ऐतराज, कहा- इस्लाम इसकी कतई इजाजत नहीं देता
सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर लोकसभा से 8 बार सांसद व एक बार राज्यसभा सांसद के साथ साथ केंद्र में मंत्री रहे काजी रसीद मसूद का हाल ही बीमारी के चलते निधन हो गया था। बीते दिनों काजी रसीद मसूद के हिन्दू धर्म के समर्थकों ने बिलासपुर गांव में पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रसीद मसूद की हिंदू रीति रिवाज व मंत्रोचारण के साथ रश्म पगड़ी तेहरवीं के कार्यकम में पंडित ने ही मंत्रोचारण के साथ रश्म को पूरा किया था। साथ ही क़ाज़ी रसीद मसूद के बेटे शादान मसूद को पगड़ी भी पहनाई गई।
तेरहवीं कार्यक्रम में काजी रसीद मसूद के भतीजे पूर्व विधायक इमरान मसूद के साथ कई कांग्रेसी नेता व क़ाज़ी के समर्थक भी मौजूद थे। पूर्व मंत्री के इस तेरहवीं कार्यक्रम को लेकर देवबंद के उलेमाओं ने कड़ा एतराज जताया है, देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि पूर्व सांसद व मंत्री क़ाज़ी रासीद मसुद के इंतकाल के बाद तेहरवीं का कार्यक्रम किया गया। इस्लाम इसकी कतई इजाजत नहीं देता। पगड़ी बांधना एक अलग बात है, लेकिन इस्लाम में हिंदू रीति रिवाज के साथ किसी मुस्लिम की रश्म पगड़ी तेरहवीं करना गलत है। इस मामले में काजी परिवार की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया।
बता दें, पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रसीद मसूद पश्चिमी यूपी में हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक माने जाते थे। वो एक ऐसे नेता थे जिनको हिन्दू मुस्लिम बराबर वोट किया करते थे। ऐसे में उनकी मौत के बाद उनके हिन्दू समर्थकों द्वारा किए गए इस कार्यक्रम ने नए विवाद को जन्म दे दिया है।
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