पूर्व सांसद रामसिंह अहिरवार बीड़ी बनाकर पाल रहे परिवार, साइकिल से करते हैं सफर
Sagar News, सागर। मशहूर शायर जनाब राहत इंदौरी का सियासत के लिए लिखा गया एक शेर है। ''नए किरदार आते जा रहे हैं...मगर नाटक पुराना चल रहा है''।
जी हां, एक शायर की कलम से निकली ये सियासत और इसके रहनुमाओं की वो हकीकत है जो बदलते दौर में भी कायम है। बात जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राजनीति में रहते हुए सादगी की मिसाल कायम की थी और इसी सादगी से सागर शहर की पुरव्याउ टोरी मोहल्ले की संकरी गली में एक सामान्य मकान में रहते हैं पूर्व सांसद राम सिंह अहिरवार(Sagar EX MLA Ram Singh Ahirwar)।
1967 में भारतीय जनसंघ के टिकट पर लोकसभा में पहुंचने वाले अहिरवार को देखकर अंदाजा नहीं होगा कि वो इतनी सादगी से कैसे जीते हैं। कमाई के लिए बीड़ी बनाते हैं। पूर्व सांसद होने के बावजूद उन्हें अपने काम पर शर्मिंदगी नहीं। यहां तक कि कहीं आने-जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।
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सागर के पूर्व सांसद राम सिंह अहिरवार को राजनीति के बदलते मुकाम पर पछतावा नहीं। वो खुद में खुश हैं। 82 साल की उम्र में सादगी की ऐसी परिभाषा गढ़ी है, जिसके बारे में बीजेपी हो या कांग्रेस बातें तो बहुत करती है, लेकिन, दिखाई सिर्फ राम सिंह अहिरवार के रूप में देती है।
'साइकिल वाले नेताजी' के नाम से मशहूर
राम सिंह अहिरवार की सादगी आलम यह है कि अपने क्षेत्र में ये साइकिल वाले नेताजी के नाम से मशहूर हैं। वर्तमान में इनके पास खुद की न तो गाड़ी ना ही आलीशान मकान। इन्होंने 1967 में जनसंघ से उस समय चुनाव लड़कर संसद पहुंचे थे जिस समय देश में कांग्रेस की जबरदस्त लहर थी।