रोते-बिलखते 4 साल के मासूम को मां से मिलवाने के लिए देर रात लगी अदालत, पढ़ें दिल छू लेने वाला वाकया
सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां जेल में बंद मां के लिए बिलख रहे 4 साल के एक बच्चे को उसकी मां से मिलवाने के लिए बुधवार देर रात एक अदालत लगी। अदालत ने बच्चे को उसकी मां से मिलाने का आदेश भी दिया, जिसके बाद वह अपनी मां से मिल सका। दरअसल, 4 साल का मासूम बुधवार रात अपनी मां से मिलने की जिद कर बैठा। बच्चा जिद पर अड़ गया तो परिवार के लोग उसे लेकर सागर सेंट्रल जेल पहुंचे। लेकिन जेल के नियम इस मुलाकात में आड़े आ रहे थे। बच्चा जेल के बाहर खड़ा था और मां से मिलने के लिए लगातार बिलख रहा था। वो करीब तीन-चार घंटे तक वहीं खड़ा रहा।
देर रात लगी अदालत
जेल में बंद महिला के परिजन रहमान अली ने अधिकारियों को बताया कि चार साल का बच्चा अपनी मां से मिलने के लिए तड़प रहा है। जैसे ही जेल अधिकारियों को इस पूरी घटना के बारे में पता चला वो बच्चे के पास पहुंचे और उसे मां से मिलाने की प्रक्रिया शुरू की। जेल सुपरिटेंडेंट और जेलर ने बच्चे की मदद करने की ठानी। मदद के लिए विशेष न्यायाधीश एडीजे डीके नागले तक पूरी बात पहुंचायी गयी। रात काफी हो चुकी थी। मजिस्ट्रेट साहब ने मानवीय आधार पर उसी वक्त कोर्ट खुलवाया। कोर्ट में सुनवाई हुई और अदालत ने बच्चे को फौरन उसकी मां से मिलाने का आदेश दिया।
जेल में बंद है मां और पिता
रहमान अली निवासी नादिरा बस स्टैंड भोपाल ने बताया कि सागर निवासी एक नाबालिग लड़की से जुड़े आपराधिक मामले में मेरे बड़े भाई शहजान अली, भाभी आफरीन और मां नगमा को गोपालगंज पुलिस ने आरोपी बनाया है। ये सभी केंद्रीय जेल सागर में बंद हैं। ये बच्चा अपनी मां (आफरीन) से मिलने के लिए तड़प रहा था।
मां-बेटे को मिलाकर सुकून मिला
सागर के केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेन्ट संतोष सिंह सोलंकी ने बताया, 'मेरे करियर में ये पहला ऐसा मामला हैं, जिसमें मैंने कोर्ट खुलवाने के लिए आवेदन किया। हालांकि, इस मासूम की हालत देख कोई भी व्यक्ति यह पहल करने से नहीं रुकता। एक रोता-बिलखता मासूम अपनी मां से मिल गया। मुझे आत्मिक सुकून मिला है।'