चालान तो अमेरिका जैसे काट रहे हैं और सड़कें पाकिस्तान जैसी हैं, ऐसा कानून नहीं चलने देंगे: हुड्डा
रोहतक। हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। कांग्रेस और भाजपा समेत सभी सियासी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के साथ ही विपक्षी दलों के अगुआ भी जोर-शोर से रैलियां आयोजित कर रहे हैं। यहां रोहतक अनाज मंडी में एक जनसभा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार पर जमकर तंज कसा। हुड्डा ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार चालान तो अमेरिका जैसे करवा रही है, जबकि यहां सड़कें पाकिस्तान जैसी हैं। ऐसा कानून कतईं नहीं चलने देंगे।'
'गरीबों को प्लॉट नहीं मिले और न ही वादे पूरे नहीं किए'
हुड्डा ने आगे कहा कि अगले महीने 21 तारीख को चुनाव है, परीक्षा का दिन मुकर्र हो गया है। अब आपका हिम्मत और हौसला आंकेंगे। मैं तो देख रहा हूं कि भाजपा-राज में हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है। गरीबों को प्लॉट नहीं मिले और न ही वादे पूरे नहीं किए। खट्टर साहब, जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। जबकि, उन्हें तो जन-पश्चाताप करना चाहिए।''
'गरीबों को प्लॉट नहीं मिले और न ही वादे पूरे नहीं किए'
हुड्डा ने आगे कहा कि अगले महीने 21 तारीख को चुनाव है, परीक्षा का दिन मुकर्र हो गया है। अब आपका हिम्मत और हौसला आंकेंगे। मैं तो देख रहा हूं कि भाजपा-राज में हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है। गरीबों को प्लॉट नहीं मिले और न ही वादे पूरे नहीं किए। खट्टर साहब, जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। जबकि, उन्हें तो जन-पश्चाताप करना चाहिए।''
'हमारे राज में एक बार भी फोर्स बुलाने की नौबत नहीं आई'
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस-राज में हरियाणा में खूब भाईचारा था। हमारे समय में एक बार भी फोर्स बुलाने की नौबत नहीं आई, लेकिन भाजपा-राज में तीन-तीन बार फोर्स बुलाई गई और 80 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।''
'खट्टर सरकार एक धोखा है, हरियाणा बचाओ मौका है'
इससे पहले हुड्डा ने कुरुक्षेत्र में भाषण देकर मौजूदा सरकार पर हमला बोला था। हुड्डा ने कुरुक्षेत्र के कांग्रेस भवन में कार्यकर्ता सम्मेलन में तब कहा, चुनाव से भाजपा ने 154 वादे किए थे, लेकिन एक भी पूरा नहीं किया। खट्टर सरकार एक धोखा है और हरियाणा बचाओ ये मौका है।''
इनेलो के 4 नेताओं ने पिछले दिनों कांग्रेस ज्वॉइन की
हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को बड़ा झटका देते हुए इनेलो के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल करा लिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि इनेलो में 15 साल प्रदेशाध्यक्ष व मंत्री रहे अशोक अरोड़ा, पूर्व मंत्री सुभाष गोयल, दो बार विधायक रहे प्रदीप चौधरी के साथ पूर्व मंत्री जसविंद्र सिंह संधू के बेटे गगनजोत अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
कब होगी विधानसभा चुनाव की वोटिंग?
राज्य में विधानसभा चुनाव का ऐलान शनिवार चुनाव आयोग ने किया था। जिसके अनुसार, महारष्ट्र के साथ ही हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी। नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे। दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
हरियाणा में इस बार कितने वोटर हैं?
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के अनुसार, राज्य में इस बार 1.28 करोड़ वोटर हैं और 1.3 लाख ईवीएम का इस्तेमाल होगा। यहां विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं और मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर तक है।
राज्य में पहली बार 17 विधायकों का इस्तीफा हुआ
हरियाणा में अभी तक का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि दल बदलने की कोशिश में प्रदेशभर में अबतक 17 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 17 विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया हो। यहां विधानसभा में इस बार 18 विधायकों की सीटें खाली हो गई हैं। यह भी पहली बार होगा जब इतने विधायकों की खाली सीटों वाली विधानसभा भंग होगी।
इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों ने भाजपा ज्वॉइन की
इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़कर अन्य पार्टी ज्वॉइन कर ली है। सबसे ज्यादा नुकसान इनेलो को हुआ है। 2014 के चुनाव में इनेलो को 19 सीटें मिली थीं। जो कि 3 ही रह गईं हैं। इन तीन विधायकों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, वेद नारंग व ओमप्रकाश बरवा शामिल हैं। जबकि, भाजपा ने 2014 में 47 सीटें जीती थीं। अब उसके पास 59 सीटें हैं। राज्य में एक विधायक का निधन हो चुका है, जो कि इनेलो से ही था।
उस दौर में 6 विधायकों ने दिए थे इस्तीफे
हरियाणा में 17 विधायकों ने तो इसी कार्यकाल में इस्तीफा दिया है। इससे पहले वर्ष 1999-2004 के सत्र में भाजपा के 6 विधायकों ने अपने इस्तीफे दिए थे। बहरहाल, इस बार जब इतनी बड़ी संख्या में विधायकों ने इस्तीफे दिए तो हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने भी सभी के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इन सभी विधायकों का कार्यकाल पूरा होने से खत्म हो गया और वह चुनाव होने से पहले ही पूर्व विधायक बन गए।
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में सभी सीटें भाजपा ने जीतीं
इसी साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी दस सीटों पर भाजपा ने पहली बार जीत हासिल की। हरियाणा बनने के बाद ज्यादातर चुनाव में अपना दबदबा बनाए रखने वाली कांग्रेस क्लीन स्वीप हो गई। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 10 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
5 साल पहले भाजपा ने पहली बार यहां बहुमत हासिल किया
वर्ष 2014 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा 47 सीटों पर जीती थी। भाजपा ने चुनाव से ऐन पहले हरियाणा जनहित कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा था। चुनाव नतीजे आए तो पहली बार हुआ था कि भाजपा अपने अब दम पर बहुमत ला सकी। उसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी मात दी। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस का सफाया हो गया। वहीं, इस बार तो शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को 75 पार का टारगेट दिया है।