न खाएंगे, न खाने देंगे और जो खाए बैठे हैं उनसे भी निकालेंगे: हरियाणा में रैली करते हुए बोले खट्टर
रोहतक। हरियाणा में रोहतक के ऐतिहासिक महम चौबिसी चबूतरे पर आशीर्वाद यात्रा के दौरान सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जनता को संबोधित किया। खट्टर ने कहा, 'भ्रष्टाचारियों को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने नारा दिया था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा। तो हम न खाएंगे और न खाने देंगे। अब तो हम उनसे भी निकालेंगे, जो खाए बैठे हैं।' खट्टर का इशारा कांग्रेस व इनेलो सरकार में हुए घपलों के आरोपितों पर कार्रवाई करने को लेकर था। उन्होंने कहा कि दलाली करने वाले कांग्रेस, इनेलो दोनों दलों में हैं। कुछ इनका साथ छोड़कर अब जजपा में भी चले गए हैं। लेकिन हम निकालेंगे उनसे।''
मुख्यमंत्री ने कहा, हुड्डा के जमाने में लूट-खसोट होती थी
खट्टर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के जमाने में ऐसे लूट खसोट होती थी कि जमीन खरीद ली फिर उस पर कानून बनाए और जब वह महंगी हुई तो बेच दी। यही नहीं लोगों को भय दिखाकर जमीनें जमीनें कब्जा ली जाती थीं और फिर रेट बढ़ने पर बेच दी जाती थीं। भ्रष्टाचार इस कदर हावी था कि तबादले होते थे तो भी भ्रष्टाचार, भर्तियों में भ्रष्टाचार, सीएलयू में भ्रष्टाचार, लाइसेंस में भी भ्रष्टाचार! फिर हमारी सरकार आई तो सबसे पहले भ्रष्टाचार पर रोक लगाई। भाजपा सरकार ने निष्पक्ष भर्तियां की। सरकार ने जो पैसा जारी किया, वह पूरा गांव-मोहल्लों तक पहुंचाया।'
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अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं चुनाव
हरियाणा में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं। 2014 में भाजपा 47 सीटों पर जीती थी। राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। वहीं, इस बार शाह ने कार्यकर्ताओं को 75 पार का टारगेट दिया है।
पहली बार 17 विधायकों ने दिया इस्तीफा
वहीं, दल बदलने की कोशिश में प्रदेशभर में अब तक 17 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 17 विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया हो। यहां विधानसभा में इस बार 18 विधायकों की सीटें खाली हो गई हैं। यह भी पहली बार होगा जब इतने विधायकों की खाली सीटों वाली विधानसभा भंग होगी।
इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों ने भाजपा ज्वॉइन की
इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़कर अन्य पार्टी ज्वॉइन कर ली है। सबसे ज्यादा नुकसान इनेलो को हुआ है। 2014 के चुनाव में इनेलो को 19 सीटें मिली थीं। जो कि 3 ही रह गईं हैं। इन तीन विधायकों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, वेद नारंग व ओमप्रकाश बरवा शामिल हैं। जबकि, भाजपा ने 2014 में 47 सीटें जीती थीं। अब उसके पास 59 सीटें हैं। राज्य में एक विधायक का निधन हो चुका है, जो कि इनेलो से ही था।
उस दौर में 6 विधायकों ने दिए थे इस्तीफे
हरियाणा में 17 विधायकों ने तो इसी कार्यकाल में इस्तीफा दिया है। इससे पहले वर्ष 1999-2004 के सत्र में भाजपा के 6 विधायकों ने अपने इस्तीफे दिए थे। बहरहाल, इस बार जब इतनी बड़ी संख्या में विधायकों ने इस्तीफे दिए तो हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने भी सभी के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इन सभी विधायकों का कार्यकाल पूरा होने से खत्म हो गया और वह चुनाव होने से पहले ही पूर्व विधायक बन गए।
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लोकसभा चुनाव में हरियाणा में सभी सीटें भाजपा ने जीतीं
इसी साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी दस सीटों पर भाजपा ने पहली बार जीत हासिल की। हरियाणा बनने के बाद ज्यादातर चुनाव में अपना दबदबा बनाए रखने वाली कांग्रेस क्लीन स्वीप हो गई। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 10 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी।