ट्रेन में भूख से रो रहे 4 महीने के बच्चे के लिए ड्यूटी पर तैनात महिला एएसआई ने घर से लाकर दिया दूध
रांची। कोरोना संकट और लॉकडाउन के वक्त बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटे हैं और अभी भी उनका सिलसिला जारी है। इस दौरान देशभर के अलग-अलग हिस्सों से पैदल चलते प्रवासी श्रमिकों, भूख से परेशान रोते-बिखलते बच्चों और उनको किसी तरह चुप कराती महिलाओं की कई तस्वीरें सामने आईं, जिसने हम सभी को झकझोर कर रखा दिया। लेकिन इस बीच कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें मानवता की झलक देखने को मिली। ऐसी ही एक तस्वीर रविवार को रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिली।
दरअसल बेंगलुरु से गोरखपुर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन संख्या 06563 रविवार सुबह छह बजे कुछ मिनट के लिए हटिया स्टेशन पर रुकी। इस ट्रेन से हटिया स्टेशन पर कुछ लोगों को उतरना था। इस दौरान मेहरुन्निसा नाम की महिला ने महिला एएसआई सरिता बड़ाइक से अपने बच्चे के लिए दूध की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। जिस पर महिला एएसआई ने ड्यूटी के बीच अपने घर से दूध लाकर महिला को दिया।
इसी बीच वहां ड्यूटी पर तैनात रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) की महिला एएसआई सरिता बड़ाइक से एक महिला यात्री ने खास अनुरोध किया। महिला यात्री ने कहा कि उसका चार महीने का बेटा बहुत भूखा है, अगर उसके लिए दूध की व्यवस्था हो सके, तो अच्छा रहेगा। एएसआई सरिता बड़ाईक ने तुरंत अपनी स्कूटी उठाई और अपने घर जाकर अपने बच्चों के लिए रखे गए दूध को गर्म किया और जल्दी से स्टेशन पहुंची।
महिला एएसआई ने तुरंत ही उस महिला को दूध की बॉटल दे दी। उन्होंने अपनी ड्यूटी के बीच महिला यात्री के भूखे बच्चे के लिए दूध पहुंचाया। विशेष ट्रेन में यात्रा कर रही मेहरुन्निसा बिहार के मधुबनी जिले की जमनिया गांव की रहने वाली है। मेहरुन्निसा ने महिला एएसआई को शुक्रिया कहा, हालांकि, वो उनके इस कदम के लिए ठीक तरीके से कृतज्ञता नहीं जता सकी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि तुरंत ही ट्रेन स्टेशन से रवाना हो गई।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोरोना पॉजिटिव मां के दूध से बच्चे को ख़तरा नहीं