आयुष्मान कार्ड लेकर अस्पताल दर अस्पताल भटकता रहा पिता, इलाज की कमी के चलते मासूम की हो गई मौत
जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर के एमजीएम हॉस्पिटल मे दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक पिता अपने 12 साल के मासूम के शव को सीने से चिपका कर न्याय की गुहार लगाते रहा। लेकिन उसकी किसी ने एक नहीं सुनी। गोलपहाड़ी के रहने वाले राजेश पात्रो के 12 साल के बच्चे की मौत के बाद सरकार जागी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपायुक्त को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आयुष्मान कार्ड लेकर अस्पताल दर अस्पताल घूमता रहा पिता
दरअसल, सागर के दिल में छेद था। उसके पिता ने इस उम्मीद में 7 महीने पहले आयुष्मान कार्ड बनवाया था ताकि उसके बेटे का इलाज हो जाएगा। लेकिन किसी भी हॉस्पिटल ने आयुष्मान कार्ड को स्वीकार नहीं किया। मृतक सागर के दिल में छेद था। आयुष्मान कार्ड के बावजूद बच्चे का इलाज नहीं हो सका। उसके इलाज के लिए परिजन जमशेदपुर से लेकर कोलकाता तक कई हॉस्पिटल गए। लेकिन किसी भी हॉस्पिटल ने आयुष्मान कार्ड स्वीकार नहीं किया।
पैसा न होने के कारण अस्पताल से बच्चे को घर ले आए
सागर के इलाज के लिए परिजनों ने सिविल सर्जन से लेकर विधायक-मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास तक के पास इलाज के लिए गुहार लगाई। लेकिन उनकी आवाज किसी ने नहीं सुनी। सागर को लेकर उसके पिता रोज सिविल हॉस्पिटल सुई लगवाने जाते थे। लेकिन बीते रविवार की रात को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। सोमवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे उल्टी-दस्त होने पर उसे सदर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।
हेमंत सोरेन ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
वहां से उसे एमजीएम हॉस्पिटल रेफर किया गया। वहां उसने दम तोड़ दिया। सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर मेडिट्रिना हॉस्पिटल में ठीक से इलाज नहीं किया गया तो इस बारे में उन्हें जानकारी देनी चाहिए थी। सागर की मौत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खासी नाराजगी दिखाई है। हेमंत सोरेन ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया है। ट्वीट कर उन्होंने पश्चिम सिंहभूमि के उपायुक्त को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।