यूपी में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, 38 दिन स्कूल गई टीचर प्रीति को महीनों मिलता रहा वेतन
रामपुर। शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामले को अभी ज्यादा भी नहीं बीते है। लेकिन ऐसा ही एक और मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से सामने आय़ा है। दरअसल, यहां प्रीति यादव नाम की शिक्षिका पिछले पांच साल में केवल 38 दिन ही स्कूल में बच्चों को पढ़ाने गई। यानी वो पूरे 1297 दिन गैर हाजिर रही। इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग प्रीति यादव का वेतन जारी करता रहा। इस मामले में शिक्षिका विभाग की नींद छह साल बाद टूटी है। जिसके बाद एबीएसए प्रेम सिंह राणा ने इस मामले में अजीम नगर थाने में तहरीर दी है। यह तहरीर शिक्षिका प्रीति यादव और उसके पति समेत तीन लोगों के खिलाफ दी गई है। साथ ही गैरहाजिरी के दौरान वेतन के रूप में ली गई धनराशि की रिकवरी कराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
2011-15
का
है
यह
मामला
ये
मामला
रामपुर
जिले
के
अजीमनगर
थाना
क्षेत्र
के
सैदनगर
ब्लाक
के
कुम्हरिया
गांव
का
है।
शिक्षिता
प्रीति
यादव
की
तैनाती
2011
से
2015
तक
सैदनगर
ब्लाक
के
कुम्हरिया
के
प्राथमिक
विद्यालय
में
सहायक
अध्यापिका
के
रूप
में
थी।
इस
पांच
साल
के
दौरान
1297
दिन
वो
गैर
हाजिर
रही
थीं।
केवल
38
दिन
ही
स्कूल
में
बच्चों
को
पढ़ाने
आई
है।
रजिस्ट्रर
में
उसे
गैर
हाजिर
दिखाया
गया
है,
लेकिन
उसके
वेतन
का
भुगतान
दिया
जाता
रहा।
खास
बात
यह
है
कि
एबीएसए
ने
भी
वेतन
जारी
करने
की
संस्तुति
नहीं
की
थी,
इसके
बाद
भी
वेतन
जारी
होता
रहा।
बाराबंकी
जिले
में
कर
रही
है
नौकरी
तत्कालीन
बीएसए
ने
उसके
खिलाफ
कार्रवाई
के
आदेश
दिए
थे।
यह
मामला
उस
वक्त
चर्चाओं
में
आया
जब
शिक्षिका
प्रीति
यादव
का
सेवा
समाप्ति
नोटिस
जारी
हुआ।
बता
दें
कि
फिलहाल
प्रीति
यादव
बाराबंकी
जिले
में
नौकरी
कर
रही
है।
रामपुर
के
बीएसए
ने
कार्रवाई
के
लिए
अब
बाराबंकी
के
बीएसए
को
भी
लिखा
है।
इस
मामले
में
रामपुर
जिलाधिकारी
आन्जनेय
कुमार
सिंह
ने
जांच
बैठा
दी
और
बीएसए
से
रिपोर्ट
तलब
की
थी।
रिपोर्ट
मिलने
के
बाद
डीएम
के
आदेश
पर
अजीमनगर
थाने
में
खंड
शिक्षाधिकारी
प्रेम
सिंह
राणा
की
ओर
से
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
गई
है।
एसओ
रविंद्र
कुमार
ने
पुष्टि
की
कि
आरोपी
शिक्षिका,
उसके
पति
और
एक
अन्य
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
कर
लिया
गया
है।