दो घंटे के लिए थानेदार बनीं रामपुर की टॉपर बेटियां, वाहनों के काटे चालान
रामपुर। मिशन शक्ति के तहत आज (23 अक्टूबर) को रामपुर जिले के सभी थानों का माहौल बदला-बदला नजर आया। दरअसल, सभी थानों के प्रभारी दो घंटे के लिए बदल दिए गए थे। थानों की कमान बेटियों ने संभाल ली। थानों में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की टॉपर रही छात्राओं ने थानेदारी की। इन बेटियों ने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए सड़क पर उतरी और वाहन चेकिंग अभियान चलाया।
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रामपुर जिले के सिविल लाइंस कोतवाली में विद्या मंदिर इंटर कालेज में कक्षा 11 की छात्रा प्रतिभा काला को प्रभारी बनाया गया। यहां आसपास के दूसरे थानों में प्रभारी बनी बेटियों को भी बुला लिया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्यमंत्री बलदेव औलख भी आ गए। थाना प्रभारी प्रतिभा ने राज्यमंत्री से थाने में बनी महिला हेल्प डेस्क का फीता कटवाकर उद्घाटन भी कराया। बाद में राज्यमंत्री ने थाने का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के बाद राज्यमंत्री चले गए। इसके बाद जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह और एसपी शगुन ने थाना प्रभारी बनी बेटियों के साथ वाहन चेकिंग भी कराई।
थाना प्रभारी बनी प्रतिभा काला ने सड़क पर उतर कर वाहन चेकिंग की और कई लोगों के चालान भी काटे। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने दो घंटे की थाना प्रभारी बनी प्रतिभा काला से बात की। प्रतिभा काला ने बताया मुश्किल ड्यूटी है। इतनी धूप में काम करना और लोगों की बातें भी सुनना बहुत टफ है। आप खुद ही सोचिए कि इतनी धूप में यह लोग काम कर रहे हैं हम लोगों की सेफ्टी के लिए ही कर रहे हैं। आपको हेलमेट लगाने के लिए कह रहे हैं तो उसमें आपकी सेफ्टी है। आपको मास्क लगाने के लिए कहा जाता है तो उसमें भी आपकी सेफ्टी है। सभी लोग इस चीज को नहीं समझ रहे हैं और चालान कटवाने में आनाकानी करते हैं।
गुरुवार
को
65
अफसरों
की
कुर्सी
बेटियों
ने
संभाली
मिशन
शक्ति
के
तहत
रामपुर
में
गुरुवार
को
डीएम
और
एसपी
समेत
65
अफसरों
की
कुर्सी
बेटियों
ने
संभाली।
हाईस्कूल
और
इंटर
की
परीक्षा
टाप
करने
वाली
बेटियों
को
यह
मौका
दिया
गया।
गुरुवार
सुबह
साढ़े
नौ
बजे
अफसर
बनीं
बेटियों
के
घर
गाड़ियां
पहुंच
गई।
मिलक
के
क्योरार
में
इकरा
बी
के
घर
जिलाधिकारी
की
गाड़ी
पहुंची।
उसके
बाद
कलक्ट्रेट
पहुंच
गई।
यहां
पहले
से
ही
मौजूद
अपर
जिलाधिकारी
राम
भरत
तिवारी
और
जगदंबा
प्रसाद
गुप्ता
ने
डीएम
की
कुर्सी
पर
बैठाया।
चंद
मिनट
बाद
ही
दफ्तरों
में
जाकर
निरीक्षण
किया।
लौटकर
करीब
दो
घंटे
तक
समस्याएं
सुनीं।