रामपुर को हाथियों के आतंक से मुक्त कराने के लिए तीन हथिनियों का 'हनीट्रैप'
रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर में जंगली हाथियों का आतंक जारी है। लगभग 2 हफ्ते पहले से जंगली हाथी रामपुर में डेरा डाले हुए हैं। इस बीच हाथियों से संघर्ष करते कई लोगों की जान चली गई। वहीं वन विभाग के अधिकारी उन्हें पकड़ने और आबादी वाले क्षेत्रों से दूर ले जाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वन विभाग द्वारा लोगों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं आबादी वाले क्षेत्रों में अनाउंसमेंट के जरिये लोगों को सतर्क किया जा रहा है। फिलहाल हाथियों को दूर ले जाने के लिए वन विभाग की टीम को तीन हथिनियों का सहारा लेना पड़ रहा है।
हाथियों का आतंक जारी
ये तीन हथनी, हाथियों को प्रेम जाल में फंसाकर अपने साथ दूर ले जाएंगी। अगर ऐसा होता है तो यह देखना बहुत रोमांचक होगा कि इंसानों की तरह जानवरों में भी प्यार का एहसास होता है। हालांकि यह एक झूठा प्रेम जाल होगा लेकिन अब शायद यही हाथियों को आबादी से दूर ले जाने का एकमात्र रास्ता बचा है।
अब तीन हथिनियों का लिया सहारा
लाई गईं हथिनियों के महावत अनीस ने बताया लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क से 4 हाथी लाए गए थे जिनमें से एक मेल हाथी वापस भेज दिया गया है। शेष तीन हथिनियां गंगा कली, सुलोचना और चमेली लाई गई हैं जिनके मल मूत्र से एक ट्रैक बनाया जाएगा जिसपर हाथी उन्हें फॉलो करेगा। यह प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
हथिनियों के पीछे-पीछे चले आएंगे हाथी
इस संबंध में डीएफओ एके कश्यप ने बताया जंगली हाथियों को रामपुर से बाहर ले जाने के लिए तीन हथिनियों को लाया गया है जिनकी मदद से हाथियों को एक दिशा में ले जाया जा सकेगा। यह भी एक विकल्प है लेकिन हमारा प्राथमिक विकल्प हाथियों को ट्रेंकुलाइज करना है और हाथियों को पीलीभीत की ओर ले जाया जाएगा। डीएफओ ने बताया की फीमेल हाथियों के डांग के सहारे हाथियों को ड्राइव किया जा सकता है। वहीं हथिनिओं के प्रेम जाल में पढ़ने के सवाल पर डीएफओ ने कहा यह देखने वाली बात होगी और ऐसा ही होना चाहिए।